‘हम यहां और नहीं रुक सकते. ये जगह हमारे लिए सुरक्षित नहीं है. हम बेहद डरे हुए हैं. हम तक अभी कोई मदद नहीं पहुंची है. इसलिए हम खुद जोखिम उठाकर भारत का झंडा हाथ में लिए यूक्रेन के रेलवे स्टेशनों तक पहुंच रहे हैं. जो भी साधन मिले, उससे. नहीं मिले तो पैदल ही. क्योंकि सुरक्षित जगह तक पहुंचने के लिए हमाारे पास यही एक तरीका बचा है.’ ये आपबीती यूक्रेन (Ukriane) से फैसल कासिम ने न्यूज18 (News18) से फोन पर बातचीत के दौरान सुनाई. वे मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं. यूक्रेन की खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं.
फैसल के साथ करीब 200 भारतीय छात्र-छात्राएं हैं. ये सभी अब तक मेडिकल यूनिवर्सिटी कैंपस में ही बने बंकर में रह रहे थे. लेकिन यूक्रेन पर रूसी सेनाओं (Russian Army Attack on Ukraine) के हमले तेज होने के बाद इन सभी ने वहां से निकलकर नजदीकी रेलवे स्टेशन की तरफ रुख किया है. हालांकि ये लोग यह नहीं बता पाए कि किस रेलवे स्टेशन की तरफ जा रहे हैं. उन्होंने बेहद संक्षिप्त बातचीत में बस इतना ही कहा, ‘जहां ठीक लगेगा, सुरक्षित महसूस होगा, वहां चले जाएंगे. लेकिन यहां नहीं रह सकते. आप (Media) अगर हमारे लिए कुछ कर सकता है, बस इतना कीजिए कि हमारे हाल हिंदुस्तान के लोगों और सरकार तक पहुंचा दीजिए.’ इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया. क्योंकि उन्हें अपने घर वालों से बातचीत के लिए मोबाइल की बैटरी बचाकर रखनी है.