ITR Filing: रिटर्न फाइल करते समय कुछ जानकारियों का खुलासा करना जरूरी होता है. कुछ टैक्सपेयर्स गलती से कुछ जानकारियां नहीं दे पाते हैं. हालांकि इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक इनका खुलासा नहीं करने की स्थिति में टैक्सपेयर्स का रिटर्न सही नहीं माना जाता और उन्हें आयकर विभाग की तरफ से नोटिस मिल सकता है.
ऐसे में आईटीआर को लेकर इस प्रकार के किसी भी नोटिस से बचने के लिए बैंक खातों से लेकर विदेशी में किसी भी प्रकार से संपत्ति या होल्डिंग्स की जानकारियां आईटीआर में जरूर देना चाहिए.
मान लीजिए अगर आपका बेटा अनिवासी भारतीय है लेकिन वह अपने निवासी देश में कोई प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान कर रहा है तो क्या उसके लिए इसे अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में यहां दिखाना जरूरी है
भारतीय आयकर (आईटी) कानून के तहत, आईटीआर में सभी विदेशी संपत्तियों की रिपोर्ट करने की आवश्यकता है यदि व्यक्ति वित्तीय वर्ष के दौरान भारत के “निवासी और सामान्य निवासी” (ROR) के रूप में है. साथ ही ऐसी विदेशी संपत्ति जिसके तहत आईटीआर में टैक्स के लिए पेशकश की गई है, को ITR में यहां दिखाना जरूरी है
अगर टैक्सपेयर्स ने किसी विदेशी संपत्ति में एक दिन के लिए भी स्वामित्व या लाभार्थी के तौर पर हिस्सेदारी रखी हो, उन्हें आईटीआर में इसका उल्लेख करना अनिवार्य होगा.
अगर ऐसा नहीं करते हैं तो अघोषित आय या संपत्ति पर करीब तीन गुना यानी 30 फीसदी की दर से टैक्स के साथ ही जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है.
इन संपतियों की देनी होती है जानकारी
जिन विदेशी संपत्तियों की रिपोर्ट की जानी है, उनमें विदेशी बैंक खाते, वित्तीय हित, अचल संपत्ति, ऐसे खाते जिनमें एक व्यक्ति के पास हस्ताक्षर करने का अधिकार, ट्रस्ट, भारत के बाहर व्यक्ति द्वारा रखी गई कोई अन्य पूंजीगत संपत्ति शामिल है. आईटीआर में विदेशी संपत्ति/आय की रिपोर्ट करने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. कोई भी चूक या गलत विवरण काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत अतिरिक्त कर, ब्याज और दंडात्मक परिणाम आमंत्रित कर सकता है.