रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement planning) करना बहुत जरूरी है. इस प्लानिंग का पहला कदम है यह तय करना कि रिटायर होने के बाद आपको अपना जीवन आसानी से चलाने के लिए कितने पैसों की ज़रूरत होगी. एक युवा व्यक्ति को रिटायरमेंट (Retirement) के बारे में सोचना या बात करना अटपटा लग सकता है, लेकिन सच यही है कि रिटायरमेंट की प्लानिंग और उस पर अमल आप जितनी जल्दी शुरू करेंगे, रिटायरमेंट के समय आपके पास उतना ही बड़ा फंड आपके पास होगा.
यह जरूरी नहीं है कि कोई व्यक्ति 60 साल की उम्र में ही रिटायर होना चाहता हो. अब युवा 45 साल की उम्र में ही रिटायरमेंट के बारे में सोच रहे हैं. इसलिए रिटायरमेंट के बाद आपको कोई आर्थिक परेशानी न हो, तो अभी से सोच समझकर निवेश (Investment) करना चाहिए. पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि म्यूचुअल फंड में निवेश इसके लिए फायदेमंद है.
लगातार निवेश
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अभी 30 साल का है और वो 45 साल की उम्र में रिटायर होना चाहता है तो उसे अभी से ज्यादा निवेश करने की जरूरत होगी, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद उसे अपनी बचत कई साल अपना खर्च चलाना होगा. यही नहीं उसे बच्चों की पढ़ाई के लिए भी खर्च करना पड़ेगा. इसलिए इन सब के लिए उसे अभी अच्छा-खासा निवेश करना होगा. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में लॉंग टर्म के लिए उसे मंथली इन्वेस्टमेंट (Monthly Investment) शुरू कर देना चाहिए. इन्वेस्टमेंट लगातार करनी होगी और निवेश राशि को समय के साथ बढ़ाना भी होगा.
ऐसे बनाएं फंड
रिटायरमेंट के बाद 2 लाख रुपए महीना पेंशन पाने के लिए आपको काफी प्रयास करने होंगे. एसेट मैनेजर के मैनेजिंग पार्टनर सूर्या भाटिया ने लाइव मिंट को बताया कि इसके लिए निवेश में निरंतरता तो लानी ही होगी साथ ही साथ इन्वेस्टमेंट अमाउंट भी समय के साथ बढ़ानी होगी. अगर आप हर महीने 30000 रुपए की सेविंग अगले 33 साल के लिए करते हो तो आपके पास कुल फंड 1.2 करोड़ रुपए होगा. अगर हम 9 फीसदी ग्रोथ इसमें जोड़ें तो यह कुल 7.4 करोड़ रुपये होता है. अगर हम इसे महीने के हिसाब से गणना करें तो यह 6 फीसदी विदड्रावल रेट पर 3.7 लाख रुपये होता है. अगर इनफ्लेशन को 6 फीसदी भी मानें तो ये 3.7 लाख रुपये आज के समय में 54000 रुपये के बराबर होंगे. इसका अर्थ है कि हमें अपनी सेविंग को बढाते रहना होगा.