आने वाले होली पर देशवासियों को महंगाई का जोरदार झटका लगने वाला है. पेट्रोल डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी के लिए आप अपनी कमर कस लिजिए. रूस और यूक्रेन के बीच तनाव और युद्ध के आसार के चलते कच्चे तेल के दामों में आग लगी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सितंबर 2014 के बाद सबसे उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है. मंगलवार को कच्चे तेल के दाम 97डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है और जल्द ही इसके 100 डॉलर तक छूने की संभावना जताई जा रही है.
और महंगा होगा कच्चा तेल
कच्चे तेल के दामों में आग लगी है. नए वर्ष 2022 में कच्चे तेल के दामों में 20 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है, बीते दो महीने से लगातार कच्चे तेल के दामों में तेजी देखी जा रही है. एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल के दाम 68.87 डॉलर प्रति बैरल था. जो अब 98 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. यानि डेढ़ महीने के भीतर कच्चे तेल के दामों में निचले स्तर से 40 फीसदी की तेजी आ चुकी है.
पेट्रोल डीजल के दामों में बदलाव नहीं
हालांकि देश में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जबकि कच्चे तेल के दामों में भारी उछाल आ चुका है. दरअसल देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और 10 मार्च को नतीजें आयेंगे. माना जा रहा है कि चुनाव में नुकसान के चलते सरकारी तेल कंपनियां कच्चे तेल के दामों में जबरदस्त तेजी के बावजूद सरकार के दवाब में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई परिवर्तन नहीं कर रही हैं.
100 डॉलर पार जाएगा कच्चा तेल
चुनावों के बाद सरकारी तेल कंपनियां घाटा पूरा करने के लिए जरुर कीमतों में बढ़ोतरी करेंगी. लेकिन मुश्किल यही खत्म नहीं होती क्योंकि कच्चे तेल के दामों पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय रिसर्च एजेंसियों की मानें तो कच्चे तेल के दाम और ऊपर जा सकता है. Goldman Sachs ने कहा था कि 2022 में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल को छू सकता है और ये भविष्यवाणी सत्य होती दिख रही है. वहीं JP Morgan ने तो 2022 में 125 डॉलर प्रति बैरल और 2023 में 150 डॉलर प्रति बैरल तक दाम छूने की भविष्यवाणी की है.