यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में मुसलमानों का वोट पाने के लिए हर एक छोटी-बड़ी सियासी पार्टी जोर आजमाइश कर रही है. लेकिन अफसोस की मुसलमानों (Muslim) के मुद्दों पर कोई बात नहीं कर रहा है. मुसलमानों को बहस तक में शामिल नहीं किया जा रहा है. यह कहना है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कोऑर्डिनेशन कमेटी (AMUCC) का. कमेटी में पूर्व और वर्तमान छात्र से लेकर शिक्षक और नॉन टीचिंग स्टाफ तक शामिल हैं. कमेटी ने इस चुनावी मौसम में अपना एक मांग पत्र तैयार किया है. पत्र सपा (SPA), कांग्रेस, रालोद (RLD), एएमआईएम, बसपा, आप और यहां तक की बीजेपी (BJP) को देने की तैयारी चल रही है. हाल ही में आप (AAP) नेता संजय सिंह को मांग पत्र देने के साथ ही उनके साथ ऑनलाइन बातचीत भी की गई.
सियासी दलों से यह है एएमयू कमेटी की मांग
कोऑर्डिनेशन कमेटी कोऑर्डिनेटर आमिर मिन्टोई बताते हैं, “15 जनवरी 2022 को अलीगढ़ के ओल्ड बॉयज लॉज मैं कमेटी की यूपी की एग्जीक्यूटिव मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में ही यह मुद्दे तय किए गए थे जिस पर आज मांग पत्र सौंपे जा रहे हैं. हमारे जो मुख्य मुद्दे तय हुए हैं उसमे मॉब लिंचिंग, मुसलमानों और दलितों के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर सामाजिक सुरक्षा देना, सीएए-एनआरसी कानून वापस लिया जाना है. इसके अलावा मॉब लिंचिंग में मारे जाने वालों के लिए मुआवजा तय किया जाए.
पुलिस और अर्धसैनिक बलों में अल्पसंख्यकों की भर्ती, मंडल आयोग और रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफारिशों के अनुसार सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में मुसलमानों के लिए रिजर्वेशन, वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाना, यूपी में उर्दू को दूसरी अधिकारिक राजभाषा माना जाना, अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सार्वजनिक सुविधाओं का विकास और इसके अलावा फिरोजाबाद, बनारस, कानपुर, अलीगढ़, मेरठ, आगरा, सहारनपुर, मुरादाबाद, संभल और अमरोहा में पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने के मुद्दे अहम हैं.”
नजरअंदाज नहीं किए जा सकते देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी के मुद्दे- संजय सिंह
6 फरवरी राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह चुनाव प्रचार के लिए अलीगढ़ आए थे. इसी दौरान एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी ने उन्हें अपना मांग पत्र सौंपा और उसके बारे में बताया. जिस पर संजय सिंह ने कहा कि दूसरी सबसे बड़ी आबादी के यह मुद्दे बहुत अहम है और इन पर चर्चा होनी चाहिए. हम किसी भी वर्ग विशेष को दरकिनार करके देश की तरक्की की अपेक्षा नहीं कर सकते, देश की तरक्की तब ही होगी जब देश का हर वर्ग तरक्की करेगा.
मुस्लिम समाज की बदहाली की दास्तां सच्चर कमेटी विस्तार पूर्वक सुनाती है, इस पर गौर करने की बहुत सख्त जरूरत है क्योंकि दूसरी सबसे बड़ी आबादी को नजरअंदाज करके देश की तरक्की नामुमकिन है. प्रचार के दौरान भीड़भाड़ होने के चलते संजय सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी कमेटी के लोगों से बात की. इस मौके पर अजहर आलम, मोहम्मद वारिस, यजदानी खान, अरीब अहमद, साहिल, गुलाम सरवर, नदीम अख़्तर, सफदर अली, महताब खान, सरमाज उल हक और अली शेर, बच्चन अली खान, यासिर अली, यजदानी खान आदि थे.