Home दिल्ली Delhi-Meerut Rapid Rail: 180 KM/Hr की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन, पलक झपकते...

Delhi-Meerut Rapid Rail: 180 KM/Hr की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन, पलक झपकते पहुंचेंगे मेरठ

19
0

जल्द ही दिल्लीवासियों के लिए मेरठ जाना बस ऐसा होगा जैसे एक झपकी ली हो. राजधानी और इससे जुड़े शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए पिछले दिनों एक प्रोजेक्ट शुरू हुआ था. नेशनल केपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की ओर से रीजनल रेपिड ट्रांजिस्ट सिस्टम बनाया जा रहा है.यह एक रेल आधारित, हाई स्पीड रीजनल कंप्यूटर ट्रांजिस्ट सिस्टम है. इसकी डिजाइन के अनुसार टॉप स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा और औसत गति 100 किमी प्रति घंटा होगी. यह सिस्टम ग्रीन मोड के रूप में काम करेगा यानी कि इसके जरिए ट्रेफिक का लोड कम होगा और प्रदूषण में कटौती होगी. तेजी से चल रहे इस प्रोजेक्ट में अब तक क्या क्या काम हो चुका है आइए आपको बताते हैं…

अंडरपास का काम हुआ पूरा
आरआरटीएस नेटवर्क के पहले चरण में 3 कॉरिडोर (दिल्ली मेरठ रेपिड रेल) का निर्माण होना है. सबसे पहले दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर काम तेजी से चल रहा है. यह कॉरिडोर 82 किमी का होगा. दिल्ली-गुड़गांव-अलवर कॉरिडोर 164 किमी का होगा और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर 103 किमी का होगा. इन सभी का रूट प्लान बनकर तैयार हो चुका है. प्रोजेक्ट के तहत हाल ही एनसीआरटीसी ने जंगपुरा आरआरटीएस स्टेशन के नजदीक अंडरपास का निर्माण काम पूरा कर लिया है. चार लेन वाला यह अंडरपास मथुरा रोड के नीचे से गुजर रहा है. इस अंडरपास के जरिए जंगपुरा स्टेशन तक भारी मोटर वाहनों समेत सभी वाहनों की आवाजाही हो सकेगी. इससे फायदा यह होगा कि बिना ट्रेफिक में फंसे आश्रम, महारानी बाग, निजामुद्दीन और जंगपुरा के लोग आरआरटीएस की सेवाओं का फायदा उठा सकेंगे.

एलिवेटेड रोड का निर्माण
इस प्रोजेक्ट पर काफी तेजी काम चल रहा है और इसके तहत दिल्ली के अलावा गा​जियाबाद से लेकर मेरठ तक का काम प्रगति पर है. इसकी बात करें तो बड़े हिस्से में एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. फेज वन की बात करें तो दिल्ली में करीब 14 किमी हिस्सा शामिल है. इसमें से 4 किमी का हिस्सा अंडरग्राउंड है. आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन अंडरग्राउंड ही बनेगा. दिल्ली में सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार स्टेशन होंगे. प्रोजक्ट से जुड़े लोगों के अनुसार पहले चरण में रेपिड रेल चलने पर दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी घंटे भर से भी कम समय में पूरी हो जाएगी.

1200 से ज्यादा पिलर्स
कॉरिडोर में एलिवेटिड हिस्से को बनाने के लिए 20वीं लॉन्चिंग गैन्ट्री स्थापित की गई है. अब तक कार्य की बात करें तो अब तक 56 किमी के फाउंडेशन और 16 किमी वायडक्ट का निर्माण हो चुका है. साथ ही 1200 से ज्यादा पिलर्स भी बन चुके हैं. साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के प्रायोरिटी सेक्शन को 2023 तक शुरू करने का प्लान है. साथ ही सराय काले खां से मेरठ तक पूर्ण कॉरिडोर को चालू करने के लिए 2025 का टारगेट रखा गया है.

स्टील स्पैन हुआ स्थापित
गाजियाबाद स्थित वसुंधरा के पास भारतीय रेलवे की चार पटरियों वाली मुख्य लाइन क्रॉसिंग पर भी बहुत कुछ काम हो गया है. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर से पहले विशेष स्टील स्पैन को स्थापित किया जा चुका है. स्टील स्पैन 73 मीटर लंबा है और करीब 850 टन वजनी है. दूसरी ओर फेस वन के कॉरिडोर में बिजली आपूर्ति के लिए 5 रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है. इसके लिए गाजियाबाद में आरएसएस बन रहा है. इसके जरिए प्रायोरिटी सेक्शन को बिजली की सप्लाई की जाएगी. जानाकारी के अनुसार आरएसएस ट्रांसफार्मर की मदद से 25 केवी और 33 केवी क्षमता की बिजली आपूर्ति करेगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here