बुरहानपुर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले से लगी महाराष्ट्र की सीमा सील कर दी है. महाराष्ट्र से आने वाले हर शख्स की RT-PCR रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें जिले में प्रवेश दिया जा रहा है. लेकिन, बसों में आने वाले यात्रियों RT-PCR जांच नहीं हो रही. इससे नाराज मिनी टेम्पो टाटा मैजिक संचालकों ने सड़क पर जाम लगा कर विरोध किया.
इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने टाटा मैजिक संचालको को समझाइश दी. इसके बाद मामला शांत हुआ. हालांकि, आम लोगों में जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी देखने को मिली. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से सवाल किया कि बस में आने वाले यात्रियों का RT-PCR टेस्ट क्यों नहीं किया जा रहा.
संक्रमण की रफ्तार करीब-करीब तीन गुना
जानकारों के मुताबिक, प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार फिलहाल बहुत तेज है. यह कोविड-19 की दूसरी लहर की अपेक्षा तीन गुने से ज्यादा है. दूसरी लहर में प्रदेश में कोरोना के केस करीब-करीब 14 दिनों में दोगुने दिखाई दे रहे थे, लेकिन तीसरी लहर में ये 3 दिन में दोगुना दिखाई दे रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 18 हजार से ज्यादा है. 30% से ज्यादा केस अकेले इंदौर में हैं. यहां 7 दिन में 65 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच हुई. इसमें से 5500 से ज्यादा संक्रमित मिले.
नवोदय विद्यालय में फूटा कोरोना बम
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के रातीबड़ में नवोदय विद्यालय में 3 शिक्षक और 24 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके बाद 500 से ज्यादा बच्चों के आवासीयों स्कूल के हॉस्टल को खाली करा लिया गया है. ज्यादातर बच्चे दसवीं और बारहवीं क्लास के है. स्कूल प्रशासन के मुताबिक़ बीपीएल कार्ड में गेहूं बांटने के लिए बच्चे अपना अंगूठा लगाने सरकारी दफ़्तर गये थे जिससे उनमें संक्रमण फैला होगा. जानकारी के मुताबिक़ नवोदय विद्यालय में करीब आठ दिन से कुछ शिक्षक बीमार थे. इसके बावजूद उन्हें स्कूल में बच्चों को पढ़ाने दिया जा रहा था. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुये मध्यप्रदेश सरकार ने शुक्रवार से ही सभी निजी और सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया था.
सरकार ने बंद किए स्कूल
मध्य प्रदेश में पहली से 12वीं तक के 15 जनवरी से पूरी तरह बंद हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक के बाद की थी. बता दें कि कोरोना वायरस को देखते हुए स्कूल बंद करने का निर्णय लिया गया है. मध्यप्रदेश के सभी स्कूल 15 जनवरी से 31 जनवरी 2022 तक पूरी तरह से बंद रहेंगे. यह फैसला सरकारी स्कूलों के साथ प्राइवेट स्कूलों के लिए मान्य होगा.