74वें सेना दिवस (74th Army Day) के मौके पर भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों को नई वर्दी (Army New Combat Uniform) का तोहफा मिलने जा रहा है. शनिवार को नई वर्दी का अनावरण किया जाएगा. रक्षा सूत्रों ने न्यूज18 को बताया है कि भारतीय सेना ने वर्दी के अंतिम चुनाव से पहले 15 खास कैमोफ्लॉज पैटर्न, चार अलग-अलग तरह की डिजाइन और 8 तरह के कपड़ों की जांच की थी. सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General MM Narvane) ने इस वर्दी के लिए मुख्य मंजूरी दी.
रक्षा सूत्र ने कहा है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) ने सेना को 15 खास कैमोफ्लॉज पैटर्न, चार अलग-अलग तरह की डिजाइन और 8 तरह के कपड़ों के विकल्प उपलब्ध कराए थे. सूत्र ने बताया, ‘सेना ने विकल्पों का आकलन किया और चार कैमोफ्लॉज पैटर्न, तीन डिजाइन और 5 कपड़ों को शॉर्टलिस्ट किया गया.’ सेना के जवानों के बीच नई वर्दी का वितरण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा.
सूत्र ने कहा, ‘दो इन्फेंट्री ब्रिगेड, एक आर्टिलरी ब्रिगेड और एक दिल्ली की सैन्य पुलिस इकाई में 150 से ज्यादा जवानों को कॉम्बैट यूनिफॉर्म के 15 सेट दिए गए थे. इनमें शॉर्टलिस्ट किए गए पैटर्न, डिजाइन और कपड़ों के अलग-अलग कॉम्बिनेशन थे.’ इनके फीडबैक के ही आधार पर वर्दी के अंतिम प्रोटोटाइप का चुनाव किया गया है और बीते साल अक्टूबर में हुई आर्मी कमांडर कॉन्फ्रेंस में सभी सैन्य कमांडर्स के सामने पेश किया गया.
एक अन्य सूत्र ने कहा कि फिलहाल, सभी कमांड मुख्यालयों के लिए मंजूरी प्राप्त प्रोटोटाइप के करीब 300 पीस को तैयार किया जा रहा है, ताकि सभी जवान इससे परिचित हो सकें. इसमें 10-20 कस्टम तैयार यूनिफॉर्म भी शामिल हैं. सैन्य पुलिस इकाई में तैनात महिला जवानों को करीब एक दर्जन अतिरिक्त सैट उपलब्ध कराए जाएंगे.
कैसी होगी नई वर्दी
सूत्रों ने बताया कि नई वर्दी में डिजिटल कैमोफ्लॉज पैटर्न होगा, जो खासतौर से बल के लिए ही होगा. इनका कपड़ा हल्क, लेकिन मजबूत होगा और जल्दी सूखेगा. इसके चलते यह ऑपरेशन के दौरान सैनिकों के लिए ज्यादा सुविधाजनक होगा. नई वर्दी 13 अलग-अलग साइज में मिलेगी औऱ फैब्रिक में कॉटन और पॉलिएस्टर का 70:30 का अनुपात होगा. सैनिकों को नई वर्दी केवल ऑर्डिनेंस चैन के जरिए ही मिल सकेगी. जबकि, अभी यह बाजार में भी उपलब्ध हो जाती है.
नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया जा सकता है, जिसमें निजी कंपनियां और रक्षा PSUs शामिल होंगे. सूत्रों ने कहा कि इस बात की भी चर्चा है कि इस सीमित या लिमिडेट टेंडर रखा जाना चाहिए, जिसमें केवल प्रतिष्ठित वेंडर्स को ही बुलाया जाए, ताकि खुले बाजार में चोरी से बचा जा सके. सैनिक जिस वर्दी का इस्तेमाल अभी कर रहे हैं, उसकी उम्र तकरीबन 18 महीनों की होती है. सेना में इसे साल 2008 में शामिल किया गया था और तब से ही खुले बाजार में मिलने के कारण इसका नयापन खत्म हो गया है.