भारतीय नौसेना इस सप्ताह से राफेल-समुद्री (Rafale-M ) लड़ाकू विमान के उड़ान परीक्षण करने के लिए टेस्ट करेगी. ये परीक्षण नौसेना वायु स्टेशन आईएनएस हंसा में आयोजित किया जाएगा. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक इस बात के लिए टेस्ट किया जाएगा कि जेट स्वदेशी पोत आईएनएस विक्रांत पर इस्तेमाल के लिए फिट है या नहीं.
स्वदेशी विमान वाहक 1 (IAC 1) के रूप में कोडनेम, INS विक्रांत भारतीय नौसेना के लिए कोचीन शिपयार्ड द्वारा निर्मित एक विमानवाहक पोत है. ये फिलहाल अरब सागर और हिंद महासागर के पास समुद्री परीक्षणों में भाग ले रहा है. INS हंसा में 283 मीटर मॉक-अप स्की जंप सुविधा में राफेल-एम फाइटर का लगभग 12 दिनों तक परीक्षण किया जाएगा.
क्या है खास
राफेल-एम कई कारणों से अमेरिका के F18 हॉर्नेट लड़ाकू विमान की तुलना में विमान वाहक पर उपयोग के लिए अनुकूल है. ये F18 के विपरीत विक्रमादित्य की लिफ्ट बे में फिट हो सकता है, जो मुड़े हुए पंखों के साथ भी विक्रमादित्य की लिफ्ट में फिट नहीं हो सकता है. स्की टेक-ऑफ के लिए राफेल-एम चार-पांच टन बाहरी भार (पूर्ण आंतरिक ईंधन के साथ) तक ले जा सकता है. कम आंतरिक ईंधन के साथ, यह मिशन की आवश्यकताओं के आधार पर अधिक हथियार ले जा सकता है. अधिकारियों ने ये भी कहा कि F18s के विपरीत, जिसमें वाहकों को एक नए वाहक ऑप्टिकल लैंडिंग सिस्टम के साथ फिट करने की आवश्यकता होती है, राफेल एम विक्रमादित्य पर मौजूदा साधन के साथ काम कर सकता है