नईदिल्ली, राज्य सभा में कांग्रेस ने बेंगलुरु के इन्गलटन रिसोर्ट पर इनकम टैक्स के छापे का मुद्दा उठाया, कांग्रेस के सांसद हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ज्ञात हो कि बेंगलुरु के इस रिसोर्ट में गुजरात कांग्रेस के 44 विधायक रुके हुए हैं। रूलिंग पार्टी के नेता अरुण जेटली ने जवाब देते हुए कहा कि गुजरात के विधायकों पर छापे नहीं, बल्कि केवल कर्नाटक के मंत्री डी. के शिवकुमार को रिसोर्ट से ले जाया गया है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा कि नियम सबके लिए एक होता है, कांग्रेस के पाप का घड़ा भर चुका है, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने छापेमारी के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार इनकम टैक्स एजेंसियों को अनुचित तरह से प्रयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि छापे का जगह और समय संयोग नहीं है। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, इस छापे का सीधा संबंध गुजरात राज्यसभा चुनाव से है, पैसे आपकी पार्टी के लोग बांट रहे हैं। गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि डर और भय का माहौल दक्षिण तक पहुंच गया है। आजाद ने कहा कि जो 15 करोड़ हमारे सांसदों को दे रहे हैं, उन भाजपा नेताओं पर छापेमारी करें। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पहले गुजरात में डराया और अब बेंगलुरु में डरा धमका रहे हैं, एक राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक बदले की कार्रवाई की जा रही है, कल के दिन आपको भी इस तरह की मुसीबत झेलनी पड़ेगी, ऐसे डराओ मत, धमकाओ मत, डेमोक्रेसी में ऐसे काम नहीं चलेगा। कांग्रेस के सांसद नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए। कांग्रेस के सांसदों ने लोकतंत्र की हत्या, बंद करो, बंद करो के नारे लगा रहे हैं। उधर आयकर विभाग ने बयान जारी कर कहा है कि कांग्रेस विधायकों से छापे का लेना-देना नहीं, छापा सिर्फ़ कर्नाटक के मंत्री पर हुआ है, रिसोर्ट में सिर्फ़ मंत्री के कमरे की तलाशी हुई, छापों का समय काफ़ी पहले तय हो चुका था, रिसोर्ट में विधायकों का होना महज़ संयोग है। राज्य सभा चुनाव में NOTA का उपयोग न हो इसके लिए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगे है। कुछ ही देर में कांग्रेस की ओर से राहुल गाँधी द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस लिए जाने की भी ख़बरें हैं।