कृषि कानूनों की वापसी और अपनी फसलों की एमएसपी की गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछले एक साल से चल रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest) अब खत्म होने की ओर बढ़ता दिख रहा है. भारतीय किसान यूनियन के नेता और इस आंदोलन का एक अहम चेहरा रहे राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के एक बयान से इन अटकलों को और बल मिल रहा है. टिकैत ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि आंदोलन अब संघर्ष से समाधान की ओर जा रहा है.
दरअसल सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी और इस आंदोलन के दौरान मौत का शिकार हुए किसानों के परिजनों को मुआवजे जैसी मांगों पर नरम रुख दिखा है. राकेश टिकैत ने इस अच्छा कदम करार देते हुए कहा कि इस पर हम भी (किसान नेता) सकारात्मक रुख अपनाएंगे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कल कुछ बिंदू बना कर दिए गए थे, सरकार से उन बिंदुओं पर बात होनी है अगर उन तमाम बिंदुओं पर बात बन जाती है तो आंदोलन समाप्त होना ही है. कोई भी आंदोलन हो तो समाप्त होता ही है, लेकिन जिन बिंदुओं पर हमने बात की है. उन बिंदुओं पर समाधान होता है तभी आंदोलन समाप्ति की ओर चलेगा.
उधर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने बुधवार को कहा कि किसान संघ एक प्रस्ताव को लेकर आशावान है और उस पर आगे बढ़ रहा है. यहां समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि उन्होंने केंद्र से मिले एक नए प्रस्ताव पर चर्चा की है. एक अन्य किसान नेता गुरनाम सिंह चडूनी ने कहा, ‘सरकार के नए प्रस्ताव पर अंतिम फैसला सिंघू बॉर्डर पर एसकेएम की बैठक के दौरान लिया जाएगा.’