माना जाता है बच्चे भगवान की देन होते हैं लेकिन कई बार ये मन को उदास कर देता है. ये उदासी तब आती है जब आपको पता चलता है बच्चा किसी बर्थ डिफेक्ट से साथ पैदा हुआ है. डब्लूएचओ(WHO) के अनुसार भारत में हर साल 1.7 मिलियन से अधिक बच्चे जन्म दोष यानि बर्थ डिफेक्ट के साथ पैदा होते हैं. ‘जन्म दोष’ में शारीरिक विकृतियों जैसे फांक होंठ या तालु (क्लेफ्ट लिप एंड पैलेट- Cleft lip and palate ), डाउन सिंड्रोम, जन्मजात बहरापन शामिल हैं. कुछ जन्म दोष बाहरी रूप से दिखाई देते हैं, जबकि कुछ नहीं होते हैं. इसके अलावा कुछ डिफेक्ट का पता प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड टेस्ट और स्कैन से चल जाता है. खासकर कर क्लेफ्ट लिप और तालु की समस्या का पता स्कैन में चल जाता है. ये ऐसी समस्या है जिसे सर्जरी से ठीक किया जा सकता है.
कटे होठ और तालू की समस्या
कटे तालु और होठ एक सामान्य जन्म स्थिति है. सात सौ में से करीब एक बच्चा इस समस्या के साथ जन्म लेता है. कई बार यह आनुवंशिक हो सकता है तो कई बार इसकी वजह अनजान होती है.
क्या हो सकती है दिक्क्त
करीब दस लाख बच्चे हर साल भारत में इस समस्या के साथ पैदा होते हैं. जो बच्चे कटे होठ के साथ पैदा होते हैं उनके बारे में प्रेग्नेंसी के दौरान पता चल सकता है. लेकिन कटे तालु के के बारे जानना मुश्किल है. इनमें बोलने और खिलाने में दिक्क्त हो सकती हैं. कई बार सर्जरी के बाद स्पीच थेरपी की मदद लेनी पड़ती है. वही कुछ बच्चे नाक से भी बोल सकते हैं. ये दोनों सर्जरी न्यूनतम निशान छोड़ जाती है। स्पीच थेरेपी से बोलने की कठिनाइयों को ठीक किया जा सकता है.
क्यों होती है ये दिक्कत
प्रेग्नेंसी के दौरान विभिन्न प्रकार की सब्जियों और फलों सहित एक स्वस्थ आहार लेना चाहिए और एक स्वस्थ वजन बनाए रखना चाहिए.
विटामिन और खनिजों और विशेष रूप से फोलिक एसिड का पर्याप्त मात्रा में प्रेग्नेंसी के छह माह पहले से सेवन करना चाहिए .
मां को विशेष रूप से शराब और तंबाकू से बचना चाहिए .
गर्भवती महिलाओं द्वारा उन क्षेत्रों में यात्रा करने से बचना जो जन्मजात विसंगतियों से जुड़े हैं.
गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान परामर्श डाइबिटीज़ को नियंत्रित रखें.
कब होती है सर्जरी
कटे होठ वाले बच्चों की सर्जरी तीन से छह महीने में हो जाती है. इसके लिए डॉक्टर सलाह देते हैं बच्चे का वजन पांच किलो के ऊपर होना चाहिए वहीं कटे तालु की सर्जरी नौ महीने में होती है.