नई-दिल्ली, संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक भव्य समारोह निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी में विदाई दी गई। विदाई समारोह में श्री प्रणव मुखर्जी का स्वागत उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने किया। सुमित्रा ने अपने संबोधन ने कहा, ‘यह हम सभी के लिए राष्ट्रपति मुखर्जी के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने का एक सुअवसर है, वहीँ उपराष्ट्रपति श्री अंसारी ने मुखर्जी की ‘भारत के विचार में उनके अटल विश्वास के लिए प्रशंसा की। राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमने देश में भाईचारा, प्रतिष्ठा और एकता बढ़ाने का बीड़ा उठाया, ये देश के आदर्श बन गये, उन्होंने सांसदों से कहा कि वे संसद में कार्यवाही बार-बार बाधित करने से बचें, क्योंकि इससे विपक्ष को अधिक नुकसान होता है। सरकार को भी अध्यादेश का रास्ता अपनाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे अपरिहार्य परिस्थिति के लिए बचाकर रखना चाहिए, उन्होंने कहा, यह रास्ता ऐसे मामलों में नहीं अपनाना चाहिए जो कि (संसद में) चर्चा के लिए विचारार्थ हो। मुखर्जी ने कहा, राष्ट्रपति के तौर पर मैंने संविधान की रक्षा और संरक्षण करने का प्रयास न केवल शाब्दिक अर्थों में बल्कि पूरी तरह से किया, उन्होंने कहा, मैं इस भव्य इमारत से खट्टी-मीठी यादों और इस सुकून के साथ जा रहा हूँ, कि मैंने इस देश के लोगों की उनके एक सेवक के तौर पर सेवा की है। निवर्तमान राष्ट्रपति ने विदाई समारोह के लिए सांसदों के प्रति आभार भी व्यक्त किया।