भारत गुरुवार को मालदीव में अब तक की सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर डील करेगा. ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) को महाराष्ट्र स्थित निर्माण और इंजीनियरिंग कंपनी एफकॉन (Afcons) द्वारा विकसित किया जाएगा, जो मालदीव सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करेगी. इस समारोह में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, भारतीय राजदूत संजय सुधीर और मालदीव के चार मंत्री शामिल होंगे.
जीएमसीपी प्रोजेक्ट को मालदीव के लिए आर्थिक जीवन रेखा के रूप में माना जाता है. ये प्रोजेक्ट मालदीव की आबादी का लगभग आधा हिस्सा चार द्वीपों के बीच कनेक्टिविटी को एक बड़ा बढ़ावा प्रदान करेगा. इसे सितंबर 2019 में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर की मालदीव यात्रा के दौरान राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के अनुरोध पर बनाया जा रहा है.
6.74 किमी लंबा पुल और कॉज़वे लिंक मालदीव की राजधानी माले को विलिंगली, गुल्हिफाल्हू और थिलाफुशी के निकटवर्ती द्वीपों से जोड़ेगा. इस परियोजना के लिए भारत 100 मिलियन डॉलर का फंड देगा. लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत 400 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया जाएगा.जीएमसीपी परियोजना चीनी सहायता के तहत निर्मित 1.4 किलोमीटर लंबे सिनामाले पुल से बड़ी होगी. ये माले को हुलहुले और हुलहुमले से जोड़ता है और 2018 में पूरा हुआ था.
मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त संजय सुधीर ने कहा कि ये प्रतिष्ठित परियोजना मालदीव की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बढ़ावा देगी, उन्होंने कहा, ‘ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट इस बात का ठोस सबूत है कि मालदीव में किसी भी आपात स्थिति के समय में पहला रिस्पॉन्डर होने के अलावा भारत मालदीव का एक मजबूत विकास भागीदार है.’