अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से लगातार ये सवाल उठ रहे थे कि आखिरकार राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर कहां गए? इस सवाल का जवाब अब मिल गया है. संयुक्त अरब अमीरात ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि गनी और उनका परिवार वहीं रह रहा है. गनी पर अफगान जनता बेहद नाराज है जिसे वह कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के डर के बीच छोड़कर चले गए हैं. UAE का कहना है कि उसने मानवीय आधार पर गनी और उनके परिवार को देश में पनाह दी है. यूएई की ओर से सरकारी WAM न्यूज एजेंसी ने इसे लेकर विदेश मंत्री की ओर से बयान जारी किया है.
यूएई सरकार के बयान के मुताबिक- “संयुक्त अरब अमीरात मानवीय आधार पर राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का अपने देश में स्वागत करता है.” तालिबान के लड़ाकों ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया. सरकार ने घुटने टेक दिए और राष्ट्रपति गनी देशी और विदेशी नागरिकों के साथ देश छोड़कर चले गए. तालिबानी विद्रोही अफगान की राजधानी में निर्विरोध बढ़ते चले गए थे. 3 दिन से अशरफ गनी के ठिकाने की कोई खबर नहीं थी. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि गनी तजाकिस्तान, उज्बेजिस्तान या ओमान भाग गए हैं.
गौरतलब है कि संकट में घिरे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा था कि वह काबुल छोड़कर इसलिए चले गए ताकि वहां खून-खराबा और ‘बड़ी मानवीय त्रासदी’ न हो. उन्होंने तालिबान से कहा कि वह अपने इरादे बताए और देश पर उसके कब्जे के बाद अपने भविष्य को लेकर अनिश्चय की स्थिति में आए लोगों को भरोसा दिलाए.
रविवार को अफगानिस्तान छोड़कर जाने के बाद गनी ने पहली बार टिप्पणी की. इसमें उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास दो रास्ते थे, पहला तो राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे ‘सशस्त्र तालिबान’ का सामना करूं या अपने प्रिय देश को छोड़ दूं जिसकी रक्षा के लिए मैंने अपने जीवन के 20 साल समर्पित कर दिए.’’
गनी के देश छोड़ने के बाद यह खबर भी आई थी कि अशरफ गनी ने युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से भागते हुए अपने हेलीकॉप्टर में ठूंस-ठूंस कर नकदी भरी, लेकिन जगह की कमी के कारण नोटों से भरे कुछ बैग रनवे पर ही छोड़ने पड़ गये. रूस की आधिकारिक मीडिया ने सोमवार को एक खबर में यह दावा किया.
काबुल स्थित रूसी दूतावास का हवाला देते हुए रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने खबर दी है कि 72 वर्षीय राष्ट्रपति गनी नकदी से भरा हेलीकॉप्टर लेकर काबुल से भागे