मोदी सरकार 1 अक्टूबर से लेबर कोड के नए नियमों को लागू करना चाहती है. अगर देश भर में अक्टूबर से लेबर कोड के नियमों को लागू किया जाता है तो आपके दफ्तर में काम करने का तरीका बदल सकता है. आपके काम के घंटे बढ़ सकते हैं, लेकिन साथ ही कोई भी कंपनी 5 घंटे से अधिक लगातार अपने कर्मचारियों से काम नहीं करा पाएगी. उन्हें कर्मचारियों को ब्रेक देना ही होगा. आइए जानते हैं कैसे बदल सकता है ऑफिस में काम करने का तरीका…
5 घंटे से पहले देना होगा आधे घंटे का ब्रेक – लेबर कोड के नियम लागू होने से कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों से लगातार 5 घंटे से ज्यादा काम नहीं करा पाएगी. उन्हें आपको ब्रेक देना ही होगा. ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है. कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं.
बदलेंगे ओवरटाइम के नियम – ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है.
बढ़ सकते हैं काम के घंटे – अभी ज्यादातर ऑफिसों में 8 से 9 घंटे की शिफ्ट या दफ्तर के घंटे होते हैं. नए लेबर कोड में काम के घंटे बढ़ाकर 12 घंटे करने का प्रावधान है. सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा. अगर कोई व्यक्ति रोजाना 8 घंटे काम करता है तो उसे सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा. 9 घंटे काम करने पर 5 दिन हफ्ते में काम करना होगा. यदि आप 12 घंटे काम करते हैं तो हफ्ते में 3 दिन छुट्टी मिलेगी. यानी अगर आप बाकी 4 दिन सोमवार सो गुरुवार 12 घंटे काम करते हैं, तो हफ्ते में तीन दिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को छुट्टी मिलेगी. हालांकि, लेबर यूनियन 12 घंटे नौकरी करने का विरोध कर रही हैं.
1 अक्टूबर से लागू होंगे नये नियम – सरकार नए लेबर कोड में नियमों को 1 अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहती थी लेकिन राज्यों की तैयारी न होने और कंपनियों को एचआर पॉलिसी (HR Policy) बदलने के लिए ज्यादा समय देने के कारण इन्हें टाल दिया गया. लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) के मुताबिक सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 जुलाई से नोटिफाई करना चाहते थे, लेकिन राज्यों ने इन नियमों को लागू करने के लिए और समय मांगा जिसके कारण इन्हें 1 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया.
सितंबर 2020 में पास हो गए थे नियम – अब लेबर मिनिस्ट्री और मोदी सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 अक्टूबर तक नोटिफाई करना चाहती है. संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था. ये नियम सितंबर 2020 को पास हो गए थे.