अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (Central Intelligence Agency) यानी CIA के डायरेक्टर विलियम बर्न्स (William Burns) ने भू-राजनीतिक क्षेत्र में अमेरिका की बादशाहत को लेकर बड़ा बयान दिया है. बर्न्स ने गुरुवार को एनपीआर के साथ एक डिटेल इंटरव्यू में कहा- ‘अमेरिका को समझना होगा कि अब वो भौगोलिक और राजनीतिक क्षेत्र में अकेला नहीं है. उसे चीन की ताकत समझनी होगी.’ CIA के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने कहा कि अमेरिकी खुफिया सेवा को अब बीजिंग के साथ प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए चीनी विशेषज्ञों (China specialists) को तैनात करना पड़ सकता है.
इंटरव्यू में बर्न्स ने कहा, ‘… मैं चीन के विशेषज्ञों को आगे-तैनात करने के लिए अभी संभावनाएं तलाश कर रहा हूं. चाहे वह ऑपरेशनल ऑफिसर, एक्सपर्ट, एनालिस्ट या टेक्नोलॉजिस्ट ही क्यों न हो. हमें प्रतिद्वंद्विता को और प्रभावी बनाने के लिए ऐसा करना होगा.’ बर्न्स ने कहा कि 21वीं सदी में चीन, अमेरिका के लिए सबसे बड़ी भू-राजनीतिक चुनौती है. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा का सबसे बड़ा क्षेत्र है.
तालिबान के बढ़ते प्रभाव पर जताई चिंता
अफगानिस्तान में सेना की तैनाती के मुद्दे पर सीआईए डायरेक्टर ने कहा कि अमेरिका अभी भी अफगानिस्तान और उसके आसपास आतंकवादी समूहों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की महत्वपूर्ण क्षमता रखता है. अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जाहिर करते हुए बर्न्स ने कहा कि तालिबान शायद 2001 के बाद अभी सबसे मजबूत सैन्य स्थिति में है.
रूस को लेकर कही ये बात
भू-राजनीतिक ताकतों की बात करते हुए बर्न्स ने रूस के व्यापक प्रभाव पर भी टिप्पणी की. बर्न्स ने संकेत दिया कि CIA को संहेद हो कि रूस “हवाना सिंड्रोम” के पीछे हो सकता है, जो क्यूबा में अमेरिकी राजनयिकों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.
दरअसल, हाल ही में क्यूबा, चीन और अन्य देशों में अमेरिकी राजनयिक इससे प्रभावित हुए हैं. यह एक रहस्यमय न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. National Academies of Sciences (NAS) की रिपोर्ट के अनुसार यह बीमारी संभवतः डायरेक्टिड माइक्रोवेव रेडिएशन के कारण होती है. इसमें बीमार व्यक्ति को अजीब-अजीब आवाजें सुनाई पड़ती हैं और उसका दिमाग काबू में नहीं रहता.बर्न्स ने कहा कि हवाना सिंड्रोम में हो सकता है कि रूस का हाथ हो, लेकिन मैं अभी इसमें कुछ नहीं कर सकता. मैं तब तक सुझाव नहीं देना चाहता जब तक हम कुछ और निश्चित निष्कर्ष नहीं निकाल लेते हैं.