नई दिल्ली, भारत की बढ़ती ताकत को चीन ने भी माना है, चीन सरकार की ओर से संचालित अखबार में शांत रहने की सलाह दी गई है. अखबार ने कहा कि भारत काफी मात्रा में विदेशी निवेश प्राप्त कर रहा है जो विनिर्माण क्षेत्र को विकसित करने की इसकी क्षमता को बहुत अधिक बढ़ाएगा. हालांकि, चीन को शांत रहना चाहिए और नये युग के लिए कहीं अधिक प्रभावी वृद्धि की रणनीति पर काम शुरू करना चाहिए। एक खबर में कहा गया है, ‘विदेशी विनिर्माताओं के निवेश का भारी प्रवाह भारत की अर्थव्यवस्था, रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए काफी मायने रखता है. ’ इसने कहा कि चीन को भारत की वृद्धि को देखते हुए शांत रहना चाहिए. भारत से प्रतिस्पर्धा करने के लिए चीन को अब एक नये युग के लिए कहीं अधिक प्रभावी वृद्धि रणनीति पर काम शुरू करना चाहिए. विदेशी विनिर्माताओं के आने से भारत की कुछ कमजोरियां दूर होंगी और इसके विनिर्माण की क्षमता बढ़ेगी. चीनी कंपनियां भी इस प्रक्रिया में एक अहम भूमिका निभा रही हैं। चीन की सरकारी मीडिया ने कहा है कि भारत, म्यांमार और चीन के बीच त्रिपक्षीय संवाद भविष्य में एक दिलचस्प विषय होगा, क्योंकि इसका क्षेत्र के लिए ‘व्यापक भू-राजनीतिक एवं आर्थिक महत्व होगा। समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है, ‘म्यांमार के लिए ‘कोई शत्रु नहीं’ की नीति सर्वश्रेष्ठ रणनीतिक विकल्प है. फिलहाल के लिए उसे चीन और भारत के बीच के विवाद का फायदा हुआ है.’ लेख में कहा गया कि चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने, अपनी आर्थिक स्थिति को विविध बनाने के लिए म्यांमार भारत के साथ अपने संबंधों को बढ़ा रहा है। ज्ञात हो चीन का देशों के साथ सीमा विवाद है, खबर है चीन के तटरक्षक बल के जहाजों ने जापान के समुद्री इलाके में प्रवेश किया है, उधर भारत ने अपना भी डोकलाम विवाद पर सख्त रुख अपनाया है।