कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) अभी चल रही है. देश के कुछ राज्यों में कोरोना पॉजिटिव केस सबसे ज्यादा मिल रहे हैं. इनमें दक्षिण भारत के केरल (Kerala) और महाराष्ट्र (Maharashtra) सबसे ऊपर हैं. हालांकि लोगों और पर्यटकों (Tourists) की परेशानियों को देखते हुए हुए अब केरल में जून में दिए गए आदेश को वापस ले लिया गया है जिसमें कहा गया था कि राज्य में आने के लिए आरटी-पीसीआर (RT-PCR) की नेगेटिव रिपोर्ट (Negative )अनिवार्य है.
केरल में मुख्य सचिव की ओर से दिए गए नए आदेश में कहा गया है कि जो लोग कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं उन्हें आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट जमा करने की कोई जरूरत नहीं है. अन्य किसी भी राज्य से केरल में आने वाले लोग अगर अपना वैक्सीनेशन (Vaccination) की दोनों डोज लगवाने का सर्टिफिकेट (Certificate) जमा कराते हैं तो अब से वही पर्याप्त होगा.
आदेश में आगे कहा गया है हालांकि जिन लोगों में कोविड-19 के लक्षण दिखाई दे रहे हैं उन्हें अपना आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना होगा और उसकी नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. आदेश को पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है. आरटीपीसीआर के विकल्प के रूप में वैक्सीन सर्टिफिकेट को वरीयता देने को लेकर लोग भी काफी समय से मांग कर रहे थे.
गौरतलब है कि जून के पहले सप्ताह में राज्य की ओर से प्रवेश से लेकर परीक्षा या अन्य किसी भी गतिविधि के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य किया गया था. हालांकि अब कोविड वैक्सीनेशन में लगातार हो रही प्रगति को देखते हुए यह नया आदेश जारी किया गया है.
बता दें कि केरल पर्यटन के लिए मशहूर है. यहां न केवल उत्तर भारत बल्कि पूर्वी भारत और दक्षिण के अलावा विदेशों से भी पर्यटक घूमने आते हैं. वहीं दक्षिण भारत में आसपास के राज्यों के छात्र भी परीक्षाएं देने के लिए इस राज्य में जाते हैं. सरकार की ओर से आए इस आदेश के बाद सभी को राहत की उम्मीद है.