माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) को बताया है कि उसे शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने में आठ हफ्ते का समय लगेगा. बता दें दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को ट्विटर को आठ जुलाई यानी आज तक यह बताने का निर्देश दिया था कि नए सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियमों के अनुपालन में वह स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (RGO) की नियुक्ति कब तक करेगा. ट्विटर ने गुरुवार को अदालत को यह भी बताया कि वह आईटी नियमों के अनुपालन में भारत में एक संपर्क कार्यालय स्थापित करने की प्रक्रिया में है. यह कार्यालय उनका स्थायी संपर्क होगा.
ट्विटर ने जस्टिस रेखा पल्ली की कोर्ट को बताया कि उसने अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी की सेवाओं को एक थर्ड पार्टी कॉन्ट्रैक्टर के जरिए एक चीफ कंप्लायंस ऑफिसर नियुक्त किया है. इस संबंध में MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) को भी जानकारी दी है.
अदालत ने मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि ट्विटर ने अंतरिम आरजीओ को नियुक्त किया था और 31 मई को अदालत को इस बारे में भ्रम में रखा , उसे यह नहीं बताया कि अधिकारी की नियुक्ति अंतरिम आधार पर की गई है.
केंद्र ने क्या तर्क दिए थे?
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा ने कहा था कि नियम 25 फरवरी को अधिसूचित किए गए थे और मध्यवर्ती संस्थाओं को इनका पालन करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया गया था, यह समयसीमा 25 मई को समाप्त हो गई. उन्होंने कहा, ‘व्यवसाय करने के लिए भारत में उनका स्वागत है लेकिन यह रवैया देश की डिजिटल संप्रभुता के लिए अहितकर है.’
अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें दावा किया गया कि माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर केंद्र सरकार के नये सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों का अनुपालन नहीं कर रहा. बता दें हाल के दिनों में पुलिस ने कंपनी या उसके अधिकारियों के खिलाफ कम से कम पांच मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से कुछ चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित हैं. बीते दिनों ट्विटर के एक पेज पर भारत का गलत नक्शा दिखा था, उस संबंध में भी एक मामला दर्ज किया गया है.