बीजिंग, उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने की अंतरराष्ट्रीय मांग से चीन को नागवार है, बीजिंग ने ‘चाइना रिस्पांसिबिलीटी थ्योरी’ (चीनी जवाबदेही सिद्धांत) को तत्काल बंद करने की मांग की है, चीन ने सभी पक्षों से प्योंगयांग पर दबाव डालने को कहा है। उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा, ‘हाल में कुछ लोग कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु मुद्दे को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने लगे हैं। साथ ही ‘चीनी जवाबदेही सिद्धांत’ को भी महत्व देने लगे हैं। मेरी समझ में यह या तो इस मसले पर पूरी और सही जानकारी का अभाव का नतीजा है या फिर जिम्मेदारी दूसरे के ऊपर डालने का अप्रत्यक्ष प्रयास है।’ गेंग ने अमेरिका का नाम लिए बगैर हमला बोला। उन्होंने कहा कि खुद कुछ न करना और दूसरों को कदम उठाने की नसीहत देना सही नहीं है। पीठ में छुरा घोंपना भी उचित नहीं है। मालूम हो चीन, उत्तर कोरिया द्वारा किए जा रहे परीक्षण से भी नाराज है। गेंग शुआंग ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया द्वारा किए जा रहे सैन्य परीक्षण से स्थिति और बिगड़ने की बात कही है, उन्होंने चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी कदम की शिकायत भी की है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया में शक्तिशाली रडार सिस्टम (थाड) तैनात करने पर भी चिंता जताई है। गेंग ने कहा कि चीन आग को बुझाना चाहता है तो दूसरे लोग उसमें और तेल डाल देते हैं। ऐसे में बीजिंग का प्रयास रंग नहीं ला सकता है। बढ़ रहा दबाव उत्तर कोरिया द्वारा इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आइसीबीएम) का परीक्षण करने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ गई है। चीन, प्योंगयांग का एकमात्र सबसे बड़ा सहयोगी देश है। अमेरिका समेत तमाम देश चीन से दबाव बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। ट्रंप का लहजा नरम था, लेकिन उन्होंने उत्तर कोरिया पर लगाम लगाने के लिए बीजिंग द्वारा पर्याप्त प्रयास नहीं करने की बात कही थी, उत्तर कोरिया द्वारा आइसीबीएम का परीक्षण करने के बाद से यह भावना और प्रबल हुई है।