नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका और जापान के साथ मिलकर हिंद महासागर में युद्ध अभ्यास शुरु कर दिया है, तीनों देशों के एक साथ अभ्यास से चीन घबराया, इस को ऑपरेशन मालाबार नाम दिया गया है । मालाबार अभ्यास दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा नौसेनिक युद्धाभ्यास है। भारत अमेरिका और जापान के जंगी बेड़े और लड़ाकू विमानों के साथ चेन्नई के तट के पास होने वाला ये अभ्यास दुश्मनों को दहलाने वाला है। इस अभ्यास के दौरान लगभग 20 जंगी जहाज और दर्जनों फाइटर जेट्स मंडराएंगे तो इनकी गर्जना बीजिंग तक सुनाई देगी। चीन ने मालाबार अभ्यास पर नजर रखने के लिए एक निगरानी जहाज तैनात किया है, जबकि भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी युद्ध पोतों की तैनाती की बढ़ती संख्या का पता लगाया, चीन ने कहा कि उसे उम्मीद है कि ये युद्धाभ्यास किसी ‘तीसरे देश’ को लक्ष्य करके नहीं किया जाएगा. यह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए होगी। भारत और अमेरिका साल 1992 के बाद से नियमित रूप से वार्षिक अभ्यास कर रहे हैं, लेकिन जापान को 2014 के बाद से शामिल किया गया है. . इसे अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास बताया जा रहा है. यह अभ्यास हिंद महासागर के साथ-साथ विवादित दक्षिण चीन सागर में होगा. जिस पर चीन अपना दावा जता रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार इतने बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास करने से चीन के साथ बने व्यापारिक संबंध को खतरे में डाल सकता है। इतना ही नहीं यह चीन की सुरक्षा के लिए भी खतरा साबित हो सकता है। चीन जब डोकलाम सड़क बनाना चाहता है, तो भारत इसका यह कहकर विरोध करता है कि यह उसकी सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। लेकिन अब चीन को खुद सोचना होगा कि भारत की ओर से आयोजित किए जा रहे बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास से उसकी सुरक्षा के लिए खतरा है। यह संयुक्त नौसेना युद्धाभ्यास चेन्नई तट से लेकर बंगाल की खाडी तक होगा। इसमें 20 जंगी जहाज, दर्जनों फाइटर जेट्स, 2 सबमरीन, टोही विमान शामिल होंगे। इस युद्धाभ्यास के चलते चीन को चिंता हो गई है 1992 से हर साल होने वाले इस युद्धाभ्यास में कभी कोई रोक टोक नहीं हुई, लेकिन ताजा हालातों को देखते हुए चीन इसे लेकर चिंतित जरूर है। सोमवार को शुरू हुए युद्धाभ्यास में भारत का विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य, जापान का सबसे बड़ा जंगी जहाज जेएस इजुमो और अमेरिका का सुपर कैरियर निमित्ज हिस्सा लेगा. हिंद महासागर में चीनी गतिविधियों के बढ़ने के बीच यह अभ्यास होगा. बंगाल की खाड़ी में एक सप्ताह से अधिक समय तक चलने वाले अभ्यास में इन तीन देशों के कई अन्य प्रमुख जहाजों, पनडुब्बियां और लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे. यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तानातानी का माहौल है।
विश्लेषण : चीन को यह सोचना होगा की भारत की सामरिक क्षमता १९६१ और १९६५ से कही आगे निकल चुकी है। आज किसी भी देश को युद्द की बात करना तीसरे विश्व युद्द का तार छूने जैसा ही है।