रायपुर, दिनांक 11-07-2017 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में स्थानांतरण नीति वर्ष 2017 का अनुमोदन करते हुए स्थानांतरण 11 जुलाई से 31 जुलाई 2017 तक करने का निर्णय लिया गया है । ऐसे शासकीय सेवक एक ही स्थान पर दो वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ हों, केवल उन्हीं के स्थानांतरण किए जाएंगे और सभी श्रेणियों के स्थानांतरण आदेश शासन स्तर पर प्रशासकीय विभाग द्वारा विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद ही जारी किए जाएंगे। एक अगस्त 2017 से स्थानांतरण पर प्रतिबंध लागू हो जाएगा। स्थानांतरण आदेश जारी होने पर यदि किन्ही कारणों से आदेश को निरस्त या संशोधित करना जरूरी हो, तो ऐसे स्थानांतरण समन्वय में अनुमोदन के बाद ही निरस्त अथवा संशोधित किए जाएंगे। प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के मामले में उनके संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 15 प्रतिशत, तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामले में 10 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मामले में अधिकतम 05 प्रतिशत तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे। कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति में मण्डी शुल्क छूट के प्रावधान को स्पष्ट करने हेतु संशोधन भी किया गया। वर्तमान में कृषि एवं खाद्य उत्पादन के प्रसंस्करण उद्योगों को राज्य की मंडियों से सर्वप्रथम कच्चा माल खरीदी की तारीख से 05 वर्ष तक के लिए कृषि उत्पादों पर लगने वाले मंडी शुल्क से पूर्ण छूट का प्रावधान है, जिसकी अधिकतम सीमा प्रसंस्करण इकाई द्वारा किए गए स्थायी पूंजी निवेश के 75 प्रतिशत के बराबर होती है। इसे संशोधित करते हुए यह निर्णय लिया गया कि कृषि एवं खाद्य उत्पादों के प्रसंस्करण उद्योगों को राज्य की मंडियों/ सीधे उत्पादनकर्ता किसान/इकाई/ राज्य के बाहर से सर्वप्रथम कच्चा माल खरीदने पर खरीदी दिनांक से 05 वर्ष तक के लिए कृषि उत्पादों पर लगने वाली मंडी शुल्क से पूर्ण छूट दी जाएगी। छूट की अधिकतम सीमा प्रसंस्करण इकाई द्वारा किए गए स्थायी पूंजी निवेश के 75 प्रतिशत के बराबर होगी। यह छूट शासन द्वारा अनुमोदित सूची के कृषि उत्पादों पर मिलेगी। इसी प्रकार छग सिविल सेवा (आचरण)नियम 1965 में संशोधन का प्रस्ताव पास करते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 22 के उप नियम (4) में यह प्रावधान है कि प्रत्येक शासकीय सेवक भारत सरकार तथा राज्य सरकार के परिवार कल्याण से संबंधित नीतियो का पालन करेगा। इसका आशय यह था कि इस उपनियम के प्रयोजन के लिए शासकीय सेवक के दो से अधिक बच्चे होने को अवचार माना जाएगा, यदि उनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या उसके बाद हो। बैठक में इस प्रावधान को विलोपित करने का निर्णय लिया गया। जीएसटी पर केन्द्र सरकार के प्रति आभार प्रदर्शन करते हुए पूरे देश में केन्द्रीय मंत्रिपरिषद द्वारा माल और सेवा कर (जीएसटी) लागू की गई है। इसके लिए केन्द्रीय मंत्रिपरिषद की 22 जून 2017 की बैठक में संकल्प पारित गया था। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज की केबिनेट में इस संकल्प के लिए केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के प्रति आभार व्यक्त किया गया। आभार प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जीएसटी स्वतंत्र भारत में सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है। यह राष्ट्रीय एकता, आर्थिक संघवाद और संघीय लोकतंत्र का एक शानदार उदाहरण है । केन्द्र सरकार तथा सभी राज्य सरकारों और सभी राजनीतिक दलों के बीच परस्पर सहयोग से ही यह संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा 22 जून 2017 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केन्द्रीय केबिनेट की बैठक में श्री मोदी ने जीएसटी में योगदान के लिए सभी राज्य सरकारों, सभी मुख्यमंत्रियों, सभी प्रदेश के वित्त मंत्रियों और राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त सभी राजनीतिक दलों, सभी ससंद सदस्यों और सभी राज्य विधानसभा के सदस्यों तथा उद्योग और व्यापार संगठनों और समाज के सभी वर्गों के प्रति आभार व्यक्त किया था, जिनके सहयोग से एक जुलाई 2017 से देश में यह लागू हुआ है।