रायपुर(छ.ग.), 25-8 : राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की कार्यकारिणी की बैठक में डेंगू की बीमारी पर नियंत्रण में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की भूमिका पर भी अन्य विषयों के अलावा चर्चा की गई। विभाग के विशेष सचिव पी.अन्बलगन ने कहा कि जल-जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर पेयजल स्त्रोतों की सुरक्षा और स्वच्छता के लिए जनजागरण की दृष्टि से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें, विभागीय प्रयोगशालाओं में शहरी निकायों की जलप्रदाय योजनाओं के पानी की नियमित रूप से गुणवत्ता जांच करवायी जाए। श्री अन्बलगन ने कहा कि सभी अधिकारी शहरों और गांवों में स्थानीय निकायों तथा पंचायतों के साथ समन्वय कर जल प्रदाय योजनाओं और नल-जल योजनाओं के पानी की गुणवत्ता बनाये रखने पर विशेष रूप से ध्यान दें, अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि पानी टंकियां स्वच्छ रहें। पाईप लाईनों के आसपास गंदगी न रहे। शहरी क्षेत्रों की पेयजल वितरण प्रणाली से दिए जाने वाले पानी में नियमानुसार क्लोरीन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा सभी कार्यपालन अभियंता अपने कार्यक्षेत्र के जिलों के स्थानीय निकायों द्वारा संचालित जल शुद्धिकरण संयंत्रों का भी निरीक्षण करें और आवश्यक होने पर रॉ-वाटर में प्री-क्लोरिनेशन करवाएं साथ ही स्वच्छ पानी में आवश्यकतानुसार क्लोरीन की मात्रा भी बढ़ाई जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में हैण्डपंपों और नल-जल योजनाओं के पानी का भी जीवाणु परीक्षण और क्लोरीनेशन का काम नियमित रूप से किया जाए। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता टी.जे. कोसरिया ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार इस सिलसिले में विभागीय अधिकारियों को तकनीकी परिपत्र जारी किया गया है। प्रमुख अभियंता कार्यालय से जारी इस परिपत्र में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित पानी टंकियों के वेंटीलेटर काउल के चारों तरफ जाली लगवाई जाए और टंकियों के ढक्कन उचित ढंग से बंद किए जाएं, यह भी ध्यान रखा जाए कि ढक्कन सुरक्षित रहे। पानी टंकियों के वाल्ब चेम्बर पूरी तरह ढके हुए हों और वाल्व चेम्बर में जल भराव न होने पाए। विभागीय अधिकारियों से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने यह भी कहा कि ग्राम पंचायतों से समन्वय कर वहां की पानी टंकियों और हैण्डपम्पों के चारो तरफ जल भराव न होने दिया जाए साथ ही समय-समय पर सभी हैण्डपम्पों और पानी टंकियों के चारों ओर ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव किया जाए। इसके अलावा गांवों में स्थापित सोलर पम्पों में लगाए गए एचडीपी टैंकों के ढक्कन पूरी तरह बंद रखे जाएं और उनके आसपास भी पानी का जमाव न होने दिया जाए। पानी टंकी के ढक्कनों को टूट-फूट से बचाया जाए।
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छत्तीसगढ़ राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक में पेयजल स्त्रोतों की स्वच्छता पर ध्यान देने के निर्देश
डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण के प्रयास पर चर्चा