Home छत्तीसगढ़ तेजी से बदल रही बस्तर की तस्वीर: डॉ. रमन सिंह

तेजी से बदल रही बस्तर की तस्वीर: डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह शामिल हुए "बस्तर विकास संवाद" कार्यक्रम में

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रायपुर(छ.ग.), 24-8 : छत्तीसगढ़ का विकास अन्य प्रदेशों के लिए अनुकरणीय है और हमारे यहां तो आदिवासी बहुल सम्पूर्ण बस्तर अंचल अब विकास का पर्याय बन गया है, विकास के मामले में बस्तर संभाग के सभी जिलों की तस्वीर तेजी से बदल रही है, बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित “बस्तर विकास संवाद” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस आशय से कहा कि नक्सल हिंसा और आतंक की चुनौती के बावजूद राज्य सरकार ने जनता के सहयोग से बस्तर संभाग के सभी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं का हरसंभव विकास किया है। सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है। इस अंचल में जनता की जरूरतों के अनुरूप विकास कार्यों में जनभागीदारी के लिए जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर राज्य सरकार ने बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र विकास प्राधिकरण बनाया है, जगदलपुर में मेडिकल कॉलेज इस क्षेत्र की एक और दंतेवाड़ा के ग्राम जावंगा में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर संचालित एजुकेशन सिटी इस अंचल की बड़ी उपलब्धियां हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर बहुत जल्द नक्सलवाद से मुक्त होगा। नक्सली गतिविधियां अब छोटे से हिस्से में सिमट कर रह गई हैं। बस्तर में आने वाले दो-तीन वर्षों में पूर्ण शांति होगी। अब बस्तर बेहतर सड़क कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी और इंटरनेट कनेक्टिविटी से जुड़ रहा है। डॉ सिंह ने कहा कि विकास के नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे इस क्षेत्र को इसी वजह से “बस्तर विकास संवाद” के लिए चुना गया है, उन्होंने दिल्ली सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए पत्रकारों का स्वागत किया। डॉ सिंह ने पत्रकारों से छत्तीसगढ़ में हुए विकास कार्यों को समाचार माध्यमों के जरिए देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का आव्हान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर जिले के नगरनार में लगभग 16 हजार करोड़ रूपए की लागत से नया इस्पात संयंत्र तैयार हो गया है। वह दिन दूर नहीं जब यहां से लौह अयस्क के पत्थर तोड़कर बाहर नहीं भेजे जाएंगे, स्टील प्लांट में तैयार फौलाद और उससे बने उत्पादों का निर्यात किया जाएगा। इस स्टील प्लांट के प्रारंभ होने से बस्तर में रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे और विकास के एक नये दौर की शुरूआत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा जिलों में अनेक कठिनाईयों के बावजूद सड़क और पुल-पुलिया निर्माण के कार्य किए जा रहे हैं। शत-प्रतिशत घरों में बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है। बस्तर नेट परियोजना के माध्यम से बस्तर संभाग सातों जिलों को इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है। इस अंचल में रेल लाईन बिछाने का काम प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल देश के सबसे सुंदर स्थानों में से एक है। जिस अबूझमाड़ में सर्वे करना मुमकिन नहीं था, वहां आज प्रशासन पहुंच चुका है। बस्तर के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस बन रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उन दिनों को याद किया जब नारायणपुर क्षेत्र में बिजली के टावरों को नक्सलियों ने गिरा कर बस्तर को 7 दिनों के लिए अंधेरे में ढकेल दिया था। उन्होंने कहा कि उस घटना के बाद सरकार ने 132 केव्ही, 200 केव्ही और 400 केव्ही क्षमता की बिजली लाईनों से बस्तर को सीधे जोड़ दिया है, अब बस्तर कभी अंधियारे में नहीं डूबेगा। बीजापुर जिला आज अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जाना जाता है। दन्तेवाड़ा जिला शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाईयों को छू रहा है। यहां के बच्चों को प्रयास आवासीय विद्यालयों में आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल, इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग दी जा रही है। यहां के युवा यूपीएससी और पीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए राज्य के सभी 27 जिलों में लाइवलीहुड कॉलेज खोले गए हैं। आज बस्तर अंचल की महिलाएं स्वसहायता समूह के माध्यम से संगठित हो रही है और जैविक कृषि, डेयरी, कड़कनाथ मुर्गी पालन, सिलाई, ई-रिक्शा जैसी गतिविधियों से आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रही हैं। स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर में जहां अधोसंरचनाओं का विकास तेज गति से हुआ है, वहीं शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई है। इस क्षेत्र के युवा जहां पहले तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नौकरियों के लिए संघर्ष करते थे, वहीं अब यहां के युवा डॉक्टर, इंजीनियर, आईपीएस, आईएएस बन रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की क्षेत्र के प्रति संवेदनशीलता के बारे में बताया कि 30 वर्षों से रूके हुए कोसारटेडा परियोजना को मुख्यमंत्री ने पहली बार सरकार बनते ही स्वीकृति दी और उसी का परिणाम है कि 2008 में यह परियोजना पूरी हुई। कार्यक्रम में बस्तर के लोकसभा सांसद दिनेश कश्यप, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष संतोष बाफना, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. के. पाटिल, बस्तर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती जबिता मंडावी, कलेक्टर बस्तर डॉ. अय्याज तम्बोली और बड़ी संख्या में पत्रकार, साहित्यकार तथा प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।

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