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नया रायपुर का नामकरण अटल नगर

राज्य सरकार कवियों के लिए शुरू करेगी अटल जी के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कार योजना

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रायपुर(छ.ग.)21 अगस्त 2018 : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के ऐतिहासिक योगदान को देखते हुए नया रायपुर का नामकरण अटल नगर करने और वहां अटल जी की मूर्ति स्थापित करने और वहां सेंट्रल पार्क का नामकरण भी उनके नाम पर करने और नया रायपुर में ही अटल स्मारक बनाने सहित राज्य में उनकी स्मृतियों को चिरस्थायी बनाये रखने के लिए और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि नया रायपुर में अटल जी की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी, प्रदेश के सभी 27 जिला मुख्यालयों में अटल जी की प्रतिमा लगायी जाएगी तथा बिलासपुर विश्वविद्यालय और राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज का नामकरण अटल जी के नाम पर करने, राष्ट्रीय स्तर के कवियों के लिए अटल जी के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना और प्रदेश सरकार के द्वितीय चरण की विकास यात्रा को अटल विकास यात्रा के नाम से आयोजित करने का भी निर्णय हुआ, डॉ. सिंह ने बताया कि केबिनेट के निर्णय के अनुसार मड़वा ताप बिजली संयंत्र और राजधानी रायपुर में पूर्ववर्ती नेरोगेज पर बन रहे एक्सप्रेस वे कलेक्टोरेट के बगीचे का नामकरण भी स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किया जाएगा। डॉ. रमन सिंह ने बताया- छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस (राज्योत्सव) के अवसर पर एक नवम्बर को त्रिस्तरीय पंचायतों और नगरीय निकायों के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन पुरस्कार की शुरूआत की जाएगी, इसके अंतर्गत प्रत्येक जनपद पंचायत से एक ग्राम पंचायत को और प्रत्येक राजस्व संभाग से एक जनपद पंचायत, एक नगर पंचायत और एक नगर पालिका तथा प्रदेश स्तर पर एक जिला पंचायत और एक नगर निगम को यह पुरस्कार दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ बोर्ड की पाठ्य पुस्तकों में अटल जी की जीवनी शामिल की जाएगी, ताकि नई पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके, अटल जी ने पोखरण में ऐतिहासिक परमाणु परीक्षण करवाया था, उनके इस योगदान को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की एक बटालियन का नामकरण पोखरण बटालियन किया जाएगा। मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के बेमेतरा, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और कोण्डागांव के 17 मार्गों पर सिटी बस सेवा के परिचालन के लिए इन मार्गों को पार्श्वस्थ क्षेत्र/ शहरी मार्ग घोषित किया गया, सहज बिजली बिल योजना का अनुमोदन किया गया। इसके अन्तर्गत वर्ष 2002 की बीपीएल सूची और वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आधार पर पात्रता धारक निःशुल्क विद्युत कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को 40 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली की सीमा से ज्यादा की खपत पर प्रचलित टैरिफ के स्थान पर 100 रूपए माह के मान से फ्लैट रेट पर बिल भुगतान की सुविधा का विकल्प दिया जाएगा। इस योजना के लागू होने पर राज्य के 12 लाख से ज्यादा घरेलू कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को फायदा होगा और उन्हें लगभग 500 करोड़ रूपए की राहत मिलेगी। इसके साथ ही बिजली बिलिंग की व्यवस्था में एकरूपता और पारदर्शिता के साथ-साथ बिलों के भुगतान की प्रक्रिया का भी सरलीकरण होगा। यह भी निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम का होगा गठन, मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माण का इतिहास 50 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस दौर में 100 से ज्यादा छत्तीसगढ़ी फिल्मों का निर्माण हो चुका है। राज्य में कला प्रतिभाओं को अवसर देने, राज्य में क्षेत्रीय फिल्म निर्माण और प्रदर्शन की समुचित व्यवस्था के लिए केबिनेट की बैठक में “छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम” के गठन का निर्णय लिया गया, यह निगम संस्कृति विभाग के अन्तर्गत होगा। इसका पंजीयन छत्तीसगढ़ सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1973 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिल्म विकास निगम के गठन से छत्तीसगढ़ में फिल्म उद्योग के क्षेत्र राज्य की कला संस्कृति के साथ साथ पर्यटन और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। फिल्म निर्माण से जुड़े कलाकारों के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था निगम द्वारा की जाएगी। आवश्यकतानुसार फिल्म निर्माण के विभिन्न पक्षों को आर्थिक सहायता, अनुदान आदि देने की भी व्यवस्था रहेगी। डॉ. सिंह ने बताया कि निगम के संचालक मण्डल में शासन द्वारा नामांकित व्यक्ति को अध्यक्ष के रूप में शामिल किया जाएगा। संस्कृति विभाग के सचिव या उनके नामांकित प्रतिनिधि, वित्त विभाग के सचिव या उनके नामांकित प्रतिनिधि, संचालक जनसम्पर्क, संचालक उद्योग, प्रबंध संचालक पर्यटन मंडल और संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक इसके सदस्य होंगे, संचालक मंडल में शासन द्वारा नामांकित अधिकतम 5 अशासकीय सदस्य भी होंगे, फिल्म विकास निगम के प्रबंध संचालक इसके सदस्य सचिव होंगे। मंत्री परिषद् में दिव्यांगजनों के लिए सात प्रतिशत आरक्षण पर भी निर्णय हुआ, बताया गया कि भारत सरकार द्वारा निःशक्त व्यक्ति अधिकार नियम 2016 में पूर्व से निर्धारित दिव्यांगता के प्रकार अर्थात अस्थिबाधित, दृष्टिबाधित एवं श्रवणबाधित के अलावा दो अन्य प्रकार निःशक्तता की श्रेणी में जोड़े गए हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्व से ही तीनों श्रेणियों के लिए 2-2 प्रतिशत के मान से कुल 6 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। आज की बैठक में निर्णय लिया गया कि उक्त आरक्षण में एक प्रतिशत की और वृद्धि की जाए। जिसमें उक्त अधिनियम के तहत केन्द्र सरकार द्वारा दो नये श्रेणी मानसिक/ बौद्धिक निःशक्तता तथा बहु निःशक्तता के लिए 1 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने का निर्णय लिया गया। केबिनेट की बैठक में तेन्दूपत्ता संगा्रहकों को वर्ष 2017 के संग्रहण कार्य पर 744 करोड़ 93 लाख रूपए का बोनस (प्रोत्साहन पारिश्रमिक) देने का भी निर्णय लिया गया। कैबिनेट में छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोक प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में त्रिस्तरीय पंचायतों, नगरीय निकायों और निगमों तथा मंडलों को भी यह शोक प्रस्ताव पारित करने के लिए भेजे जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

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