रायपुर(छ.ग), 19-07 : छत्तीसगढ़ में बाल मित्र राज्य की अवधारणा को साकार करने के उददेश्य से राज्य बाल संरक्षण आयोग द्वारा कल भिलाई के कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने महाविद्यालय के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को बाल मितान के रूप में शपथ दिलाई, कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्रीमती दुबे ने कहा कि बाल मित्र के रूप में आप सभी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी भरी है, बच्चों के प्रति हम सब को अपने रवैये में बदलाव लाना होगा। उनसे बातचीत के तरीके भी बदलने होंगे। बच्चा घर और स्कूल दोनों में सुरक्षित रहे इसलिए हमें बच्चों का विश्वास जीत कर उनके पालक और अभिभावक होने के साथ-साथ एक मित्र की भूमिका भी निभानी होगी। तभी बच्चे अपने मन की बात बिना डर और हिचक के साझा करेंगे। अपने आस-पास हो रही छोटी-छोटी घटनाओं के प्रति भी हमें संवेदनशीलता दिखानी होगी। कई बार हमारी छोटी सी लापरवाही और अनदेखी से गम्भीर घटनाएं हो जाती है, इसलिए आप सभी बाल मित्रों को सजग रहना होगा। कार्यशाला में किशोर न्याय अधिनियम 2015 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पर विस्तार से चर्चा की गई। एकीकृत बाल संरक्षण योजना और बच्चों से जुड़ी शासन की अन्य योजनाओं का जिला बाल संरक्षण ईकाई द्वारा प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ द्वारा बाल मनोविज्ञान की बारीकियों पर विस्तृत चर्चा की गईं । कार्यशाला में आयोग की सदस्य इंदिरा जैन, मीनाक्षी तोमर, नंदलाल चौधरी, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए.आर.वर्मा और प्राध्यापकों सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।
बाल मितान करेंगे बच्चों के अधिकारों की रक्षा : प्रभा दुबे
बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा कल्याण महाविद्यालय में एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला सम्पन्न