Home साहित्य देशहित की प्राथमिकता आवश्यक है, एक विचार सुप्रभात। : गिरीश मिश्र

देशहित की प्राथमिकता आवश्यक है, एक विचार सुप्रभात। : गिरीश मिश्र

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स्क्रिप्ट लेखन के पैसे सिर्फ बॉलीवुड वाले ही नहीं नेता भी देते है, ये बात अलग है कि बॉलीवुड में भी आजकल नेतागिरी का आलम बदल चुका है, मसलन थोड़े से पैसो में पंजाब चुनाव के पहले बनाई गई फिल्म उड़ता पंजाब, और फिल्म आने के पहले चुनावी सभाओ में नशे में घिरते पंजाब का भरपूर हल्ला फिर जब आचार संहिता लग जाए तो उसके आगे पीछे फिल्म के माध्यम से उसे और पंख देने की चेष्टा हुई । कुछ लाल कपडे पहने मीडिया, शिक्षा और पत्रकारिता से जुड़े लोगों ने महागठबंधन बनाते हुए अपने अपने संयुक्त साझा अभियान के तहत गुजरात चुनाव से पहले दलित राजनीति का कार्ड खेला और कांग्रेस ने भी चिरपरिचित अंदाज में मुस्लिम तुष्टिकरण से गुजराती मानस की हिंदूवादी सोच के चलते अपने घर में शिव भक्त को जन्म दिया। भाजपा ने किसी तरह हार्दिक, मेवानी और राहुल के सोचे समझे खेल से बचते हुए सरकार बनाई, कांग्रेस ने गलती सुधारते हुए चर्चा के नेतृत्व में आर.एस.एस पर हमला करते हुए पुनः हिन्दू आतंक की बात की और वो हिन्दू जो घर में बैठे इन्हे तालिया बजा कर आमंत्रित करते हैं, जान ले इन्ही ने समाज में भेद डालने की कोशिश की, हिन्दू-मुस्लिम से हिन्दू मुस्लिम सिख्ख का नारा फिर हिन्दू मुस्लिम सिख्ख ईसाई का नारा, अब हिन्दू मुस्लिम सिख्ख ईसाई, जैन, दलित के षड्यंत्र, कुल मिलकर बहुसंख्य समाज को पहले बांटो, फिर उनकी संस्कृति और देश पर हमला करो। फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स अप के माध्यम से ये स्क्रिप्ट लेखक आजकल इन्ही सामाजिक विरोध और उन्हें बांटने का शरारतपूर्ण काम कर रहा है और इनमे से बड़ी राजनैतिक पार्टियों अपने IIT/IIM की डाटा टीम का साथ इनको सोची समझी रणनीति के तहत आग में पेट्रोल डालने का काम करवा रही है। प्रशांत किशोर इसी समाज से आते है, जो पढ़े लिखे लोगो के दिमाग का इस्तेमाल करते हुए सामाजिक, जातिवादी और तुष्टिकरण के रसायन फार्मूले इस्तेमाल करते हुए, इन्हे वो बारूद तैयार करके देते हैं, जिसके चक्कर में जनता फंस कर 40 विधायक वाले दल के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनवा देते है। चुनाव सामने है, आज मेवानी, हार्दिक और नेता वो जहर नहीं उगल रहे लेकिन दलितों पर हमला करवाने के षड्यंत्र,हिन्दू समाज को भड़काने के षड्यंत्र, मुस्लिम कार्ड इत्यादि का मसाला नेपथ्य में तैयार करवा रहे है। इन्हे पता है कि टेलीविजन चैनल में बैठे कुछ इन्ही के लोग हर खबर को अश्वथामा मारा गया की खबर बनाकर द्रोणाचार्य को आसन पर बिठाने में सक्षम है ताकि षड्यंत्र का शिकार अश्वत्थामा उनका शीश काट सके। सभी बातो का भरोसा न करे बल्कि ये भी समझे, आप और हम इनके खाली तीरो में जहर लगाने का काम करके अपना ही कन्धा इन्हे दे रहे है। तन्वी सेठ प्रकरण में जल्दबाजी हुई मानते है, लेकिन नीरव मोदी के पास 6 पासपोर्ट कैसे आये ? गेंहू के साथ घुन पिस गया और सुषमा जी ने जल्दबाजी की। इस देश की बर्बादी हर वो पार्टी कर रही है जो जाति को पहले और देश हित को बाद में रख रही है। एक बात और चलते चलते ” आसाराम, राम रहीम और अब् दाती महाराज” कीचड के बाजू से निकलोगे, तो कीचड के छींटे आएंगे, ये सभी को पता है फिर मूर्खता क्यों ? और हर चुनाव के पहले मसाला मत दीजिये ताकि आपके फंड पर किसी की नजर हो। आर.एस.एस के खिलाफ की पार्टी से आये पूर्व राष्ट्रपति हाल में उनके कार्यक्रम में मुख्य-अतिथि बने थे, देशहित की प्राथमिकता आवश्यक है , थोड़ी बहुत शर्म है तो देश प्रेमी और देश द्रोही में अंतर करना सीखो।

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