पेशावर. अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक अशांत आदिवासी जिले में एक कट्टरपंथी इस्लामी राजनीतिक दल की बैठक में रविवार को जोरदार बम धमाका हुआ. राजधानी खार में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के कार्यकर्ता सम्मेलन में हुए इस विस्फोट में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक अन्य घायल हो गए.
इस बम धमाके को लेकर जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और प्रांत के कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान से घटना की जांच करने की मांग की. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अस्पताल पहुंचकर रक्तदान करने का भी आग्रह किया. फज़ल ने कहा, ‘जेयूआई कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्ण रहना चाहिए और संघीय तथा प्रांतीय सरकारों को घायलों को सर्वोत्तम इलाज प्रदान करना चाहिए.’
वहीं मुख्यमंत्री खान ने विस्फोट की निंदा की और जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी. खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर हाजी गुलाम अली, जो जेयूआईएफ के केंद्रीय सदस्य भी हैं, ने मरने वालों की संख्या की पुष्टि की.
आत्मघाती बम धमाके का शक
पुलिस ने बताया कि घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से अधिकतर लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. विस्फोट की प्रकृति का पता लगाया जा रहा है. हालांकि, शुरुआती रिपोर्ट से पता चलता है कि यह एक आत्मघाती विस्फोट था.
कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है. रेस्क्यू 1122 के प्रवक्ता बिलाल फैजी ने डॉन अखबार को बताया कि पांच एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई हैं. जियो न्यूज पर बोलते हुए, जेयूआई-एफ नेता हाफिज हमदुल्ला ने कहा कि उन्हें आज सम्मेलन में भाग लेना था, लेकिन कुछ व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण वह नहीं आ सके.
जेयूआई-एफ नेता ने कहा, ‘मैं विस्फोट की कड़ी निंदा करता हूं और इसके पीछे के लोगों को संदेश देना चाहता हूं कि यह जिहाद नहीं बल्कि आतंकवाद है.’ उन्होंने कहा कि यह मानवता और बाजौर पर हमला था. उन्होंने कहा कि यह पहला हमला नहीं, जिसमें जेयूआई-एफ को निशाना बनाया गया है. ऐसा पहले भी हो चुका है… हमारे कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया है. हमने संसद में इस पर आवाज उठाई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.’