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महंगा होगा कर्ज या ब्याज के बोझ से मिलेगी राहत? जानें एक्सपर्ट्स की राय

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी आगामी द्विमासिक पॉलिसी रिव्यू में लगातार तीसरी बार प्रमुख ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रख सकता है. एक्सपर्ट्स ने यह अनुमान जताया. उन्होंने कहा कि यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) और यूरोपियन सेंट्रल बैंक (European Central Bank) के प्रधान दरों में बढ़ोतरी के बावजूद घरेलू महंगाई आरबीआई के कंफर्ट जोन में बनी हुई है.

आरबीआई ने पिछले साल मई से ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू की थी, हालांकि इस साल फरवरी के बाद से रेपो दर 6.5 फीसदी पर स्थिर है. अप्रैल और जून में पिछली दो द्विमासिक पॉलिसी रिव्यूज में इसमें बदलाव नहीं किया गया.

10 अगस्त को सामने आएंगे नतीजे
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक 8-10 अगस्त को होगी. मौद्रिक समिति हर 2 महीनों में तीन दिनों के कार्यक्रम के लिए मिलती है. दो दिन मीटिंग चलती है और तीसरे दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर कमिटी के फैसले की घोषणा करते हैं. इस बार बैठक 8 अगस्त, 2023 को शुरू होगी और 10 अगस्त को पॉलिसी की घोषणा की जाएगी.
ब्याज दरों को यथावत रख सकता है RBI
बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा, ”हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा. इसका कारण यह है कि महंगाई इस समय 5 फीसदी से कम चल रही है, लेकिन आने वाले महीनों में महंगाई बढ़ने के साथ इसमें कुछ बढ़ोतरी का जोखिम होगा.”

नकदी की स्थिति अनुकूल
कोटक महिंद्रा बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट उपासना भारद्वाज ने कहा, ”चूंकि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने की घोषणा के बाद नकदी की स्थिति अनुकूल हो गई है, इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई मौजूदा रुख पर कायम रहेगा.” उन्होंने कहा कि सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि घरेलू मुद्रास्फीति का रुख कैसा रहता है.

जुलाई में खुदरा महंगाई 6% से ऊपर जाने का अनुमान
इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि सब्जियों की कीमतों में उछाल से जुलाई 2023 में सीपीआई या खुदरा महंगाई 6 फीसदी से ऊपर जाने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि ऐसे में रेपो दर पर यथावत बनी रहने के साथ एमपीसी की काफी तीखी टिप्पणी देखने को मिल सकती है.

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