प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रगति मैदान में पुनर्विकसित अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र परिसर (आईईसीसी) ‘भारत मंडपम’ को राष्ट्र को समर्पित किया और इसे भारतीयों द्वारा अपने लोकतंत्र को दिया एक खूबसूरत उपहार करार दिया. इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि ‘नकारात्मक सोच वालों’ ने इस परियोजना को भी लटकाने का प्रयास किया, लेकिन ‘भारत मंडपम’ को देखकर आज हर भारतीय खुशी से भरा हुआ है और गर्व महसूस कर रहा है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत मंडपम आह्वान है भारत के सामर्थ्य का, भारत की नई ऊर्जा का. यह भारत की भव्यता और इसकी इच्छाशक्ति का दर्शन है.’ उन्होंने कहा, “आज जब हम आज़ादी के 75 वर्ष होने पर ‘अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं, कुछ हफ्तों बाद यहां जी20 से जुड़े आयोजन होंगे. दुनिया के बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां उपस्थित होंगे. भारत के बढ़ते कदम और भारत का बढ़ता कद इस ‘भारत मंडपम’ से पूरी दुनिया देखेगी.”
पीएम मोदी के संबोधन की 10 अहम बातें:
प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल में वृद्धि की रफ्तार और तेज होगी और देश दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज वह हासिल कर रहा है जो पहले अकल्पीय था, इसलिए विकसित होने के लिए देश को बड़ा सोचना ही होगा. उन्होंने कहा, ‘इसी सिद्धांत को अपनाते हुए भारत आज तेजी से आगे बढ़ रहा है.’
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ‘नकारात्मक सोच वाले लोगों’ की कमी नहीं है क्योंकि उन्होंने इस निर्माण को रोकने के लिए भी बहुत कोशिशें की. उन्होंने कहा, ‘लेकिन जहां सत्य होता है, वहां ईश्वर भी होता है. अब यह सुंदर परिसर आपकी आंखों के सामने मौजूद है.’
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के कठिन काल में जब हर तरफ काम रुका हुआ था तब देश के श्रमजीवियों ने दिन-रात मेहनत करके इसका निर्माण पूरा किया है. उन्होंने इसके निर्माण से जुड़े हर श्रमिक का अभिनंदन किया.
नीति आयोग की रिपोर्ट में आया है कि साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. देश का विकास तभी सही हो सकता है, जब नीयत ठीक हो और नीति सही हो.
हमारे पास अगले 25 साल के लिए लक्ष्य है, हम भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के सपने के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय योजना भौतिक, सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए क्रांतिकारी साबित होने वाली है.
पिछले नौ साल में ढांचागत विकास परियोजनाओं पर करीब 34 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए. पिछले नौ साल में 40,000 किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण हुआ जबकि उससे पहले सिर्फ 20,000 किलोमीटर लाइन का ही विद्युतीकरण हुआ था.
देश में हवाईअड्डों की संख्या 2014 के 70 से बढ़कर अब 150 हुई. दिल्ली हवाईअड्डे की क्षमता को बढ़ाकर 7.5 करोड़ यात्री किया जा चुका है, जबकि 2014 में यह संख्या करीब पांच करोड़ यात्री थी.
साथियो, बदलता हुआ भारत पुरानी चुनौतियो को ख़त्म करते हुए आगे बढ़ रहा है. देश का पैसा और समय पहले की तरह बर्बाद न हो. 1923 से 1930 का वो कालखंड याद कीजिये, जो भारत की आज़ादी के लिए महत्वपूर्ण था. अभी का कालखंड भी बहुत महत्वपूर्ण है आज़ादी का सपना साकार हुआ है.