आम आदमी की रसोई पर महंगाई का दोहरा अटैक हुआ है. एक तरफ जहां हरी सब्जियों (Vegetables Rate) के दाम आसमान पर हैं, वहीं दालों के भाव (Dal Price) भी लगातार बढ़े हैं. अरहर की दाल (Tur Price) का रेट तो एक साल में 32 फीसदी बढ़ गया है. पिछले महीने, यानी जून में ही अरहर दाल का भाव 7 फीसदी चढ़ गया. अरहर के साथ ही उड़द (Urad Rate) और मूंग दाल (Moong Dal Rate) की कीमतें भी बढ़ी हैं. सरकार ने दालों के रेट काबू में रखने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन फिलहाल दाम काबू में नहीं आ रहे हैं. हरी सब्जियों की बात करें तो टमाटर खरीदना तो अब आम आदमी के बस की बात ही नहीं रही है. अन्य सब्जियों के दाम भी बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के डेटा के मुताबिक, 16 जुलाई तक अरहर दाल की कीमत पिछले एक साल के मुकाबले 32 फीसदी बढ़कर 136.29 रुपए प्रति किलो हो गई. एक साल पहले इसका भाव 103.03 रुपये था. एक महीना पहले अरहर दाल की कीमत 127.37 रुपए प्रति किलो थी. इस तरह महीने में ही अरहर का रेट 9 रुपये से ज्यादा बढ़ गया है.
उड़द-मूंग दाल भी महंगी
अरहर दाल के साथ उड़द और मूंग दाल की कीमतें भी बढ़ चुकी हैं. पिछले एक साल में उड़द दाल जहां 10 फीसदी महंगी हुई है वहीं मूंग दाल का रेट 8.8 फीसदी बढ़ गया है. दालों की कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इसके तहत सरकार ने 2023-24 की प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के तहत अरहर, उड़द और मसूर दाल के लिए 40 फीसदी की प्रोक्योरमेंट सीलिंग हटा दी है.
सरकार ने अरहर दाल और उड़द दाल पर लगने वाले 10 फीसदी की सामान्य कस्टम ड्यूटी को भी FY2023-24 जीरो पर बरकरार रखा है. खाद्य महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने 2021 में तुअर दाल के फ्री इंपोर्ट की अनुमति दी थी जो अभी तक जारी है. लेकिन, फिलहाल सरकार के कदम असरदार साबित नहीं हो रहे हैं