रायपुर(छ.ग),10-2, औषधीय पौधों की आधुनिक खेती को देखने, समझने और सीखने के लिए छत्तीसगढ़ के नौ जिलों के 16 किसानों का अध्ययन दल, इस महीने गुजरात प्रदेश के दौरे पर जाएगा, उनके साथ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के दो विद्यार्थी भी भेजे जाएंगे। बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और प्रधान मुख्य वन संरक्षक शिरीष चंद्र अग्रवाल ने कि ये किसान एक सप्ताह तक गुजरात के आणंद स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तथा औषधीय एवं सुगंधित पौध अनुसंधान निदेशालय में औषधीय पौधों की खेती के आधुनिक तौर-तरीकों को नजदीक से देखेंगे। इनमें रायपुर, धमतरी, दुर्ग, बालोद, कोरबा, बिलासपुर, कोरिया, कबीरधाम और राजनांदगांव जिले के किसान शामिल हैं। ये किसान वहां से औषधीय पौधों के संग्रहण, उनके विदोहन और प्रसंस्करण की नवीन तकनीकों सहित उनके कच्चे उत्पादों के स्टोरेज और हर्बल प्रोडक्ट बनाने के तरीकों का प्रशिक्षण लेंगे। किसानों के इस अध्ययन दल को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार करने के इरादे से उन्हें वहां भेजा जा रहा है, ताकि वे वहां से लौटकर छत्तीसगढ़ के अन्य किसानों को भी हर्बल खेती के लिए प्रशिक्षित कर सकें, श्री अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विगत सप्ताह राजधानी रायपुर में बोर्ड द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी ’वनौषधि छत्तीसगढ़ 2018’ के शुभारंभ समारोह में इस आशय की घोषणा की थी कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य के अनुरूप वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास किए जाएंगे। उसी कड़ी में राज्य के किसानों को औषधीय पौधों की आधुनिक खेती से जोड़ने की पहल बोर्ड द्वारा की जा रही है।