प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मिस्र (Egypt) की पहली यात्रा पर शनिवार को काहिरा पहुंचे. इस साल जनवरी में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी (Abdel Fattah El-Sisi) की भारत यात्रा के बाद से दोनों देश रक्षा संबंध, आतंकवाद विरोधी सहयोग, कट्टरपंथ और अतिवाद से निपटने के प्रयासों को बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ ही रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना चाहते हैं. पीएम मोदी की मिस्र यात्रा 1997 के बाद से किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है. शांति और सहिष्णुता के मूल्यों को एक साथ मिलकर बढ़ावा देने की दोनों देशों की कोशिशों के बीच पीएम मोदी ने मिस्र के ग्रैंड मुफ्ती शॉकी इब्राहिम अल्लम से मुलाकात की. जिन्होंने ‘समावेशिता और बहुलवाद को बढ़ावा देने में पीएम मोदी के नेतृत्व’ की सराहना की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ‘उन्होंने भारत और मिस्र के बीच मजबूत सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों पर चर्चा की. चर्चा समाज में सामाजिक और धार्मिक सद्भाव और उग्रवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला करने से संबंधित मुद्दों पर भी केंद्रित थी.’ उन्होंने कहा कि मोदी ने अल्लम से कहा कि भारत दार-अल-इफ्ता में आईटी का एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करेगा. जो मिस्र के सामाजिक न्याय मंत्रालय के अधीन है. अल्लम ने भारत के साथ संबंधों को बढ़ावा देने के राष्ट्रपति सिसी के प्रयासों का समर्थन किया है. पिछले महीने ही एक बयान में कहा गया था कि जनवरी में सिसी की यात्रा ने भारत के साथ सहयोग के ‘नए क्षितिज खोले’ हैं.
पीएम मोदी ने इससे पहले मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली के साथ बैठक के साथ देश की अपनी पहली राजकीय यात्रा की शुरुआत की. जिन्होंने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. एयरपोर्ट पर भारतीय प्रधानमंत्री का पूर्ण औपचारिक स्वागत किया गया. रविवार को राष्ट्रपति सिसी के साथ अपनी बैठक से पहले पीएम मोदी पुराने काहिरा में शिया अल-हकीम मस्जिद का भी दौरा करेंगे. जिसकी मरम्मत बोहरा समुदाय ने कराई थी और इस साल की शुरुआत में मिस्र सरकार ने उसे फिर से खोला था. सरकारी अधिकारियों के अनुसार मदबौली के साथ बैठक में चर्चा व्यापार और निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, आईटी, डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म, फार्मा और लोगों से लोगों के संबंधों पर केंद्रित रही.