अपनी पहली राजकीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे बड़ी डिफेंस करेंगे. इस बारे में व्हाइट हाउस ने साफ किया है कि पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने के लिए है. यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊचाइयां दे रही है. इस यात्रा का रूस और चीन से कोई संबंध नहीं है. यह बात वाशिंगटन डीसी में रणनीतिक संचार के NSC कॉर्डिनेटर जॉन किर्बी ने कही थी.
पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान डिफेंस के साथ ही बिजनेस, टेक्नोलॉजी और स्ट्रैटेजिक डील्स होने की उम्मीद है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि रक्षा औद्योगिक सहयोग का रोडमैप पीएम मोदी की यात्रा के प्रमुख परिणामों में से एक होने की उम्मीद है. इसके लिए अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत आए थे और उन्हें ही इस मेगा डिफेंस डील का अहम किरदार माना जा रहा है. उन्होंने अजीत डोभाल के साथ जनवरी 2023 के बाद से ही चर्चा शुरू कर दी थी और उसके बाद कई दौर की चर्चा हो चुकी है. भारत की रक्षा जरूरतों को समय पर पूरा कर पाने में रूस फिलहाल असमर्थ है, क्योंकि वह यूक्रेन युद्ध में उलझा हुआ है.
पहली डील- भारत में GE-414 जेट इंजन का निर्माण पीएम मोदी ने अमेरिका यात्रा के दौरान GE-414 जेट इंजन का निर्माण को भारत में शुरू करने पर चर्चा को फाइनल करेंगे. इसके बाद जेट इंजन भारत में निर्मित होने लगेगा. अमेरिका इसके लिए टेक्नोलॉजी देने को तैयार हो गया है.
दूसरी डील- अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा भारत, रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी 1200 किमी तक मार करने वाली प्रीडेटर ड्रोन को अमेरिका से खरीदने को लेकर रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. बीते सप्ताह रक्षा मंत्रालय ने अमेरिकी प्रीडेटर 31एमक्यू-9 बी की खरीद को मंजूर किया था.
तीसरी डील- सबसे ताकतवर बख्तरबंद गाड़ियां स्ट्राइकर का मिलकर प्रोडक्शन करेंगे अमेरिका के सबसे ताकतवर स्ट्राइकर वाहन को भारत के साथ मिलकर निर्माण करने का ऑफर है. यह वाहन, मोबाइल गन सिस्टम के साथ, 105 एमएम की तोप और एंटी टैंक गाइडेट मिसाइल से लैस है.
चौथी डील- होवित्जर तोपों की रेंज बढ़ाने का ऑफर अमेरिका ने भारत को होवित्जर तोपों की रेंज बढ़ाने का ऑफर दिया है. इससे भारत की मारक क्षमता बढ़ जाएगी. ये तोपें लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश में चीन से मुकाबल करने लिए तैनात की गई थी.
पांचवी डील- दूर तक मारक बम मिसाइल का निर्माण पीएम मोदी के दौर में हवा से हवा में मार करने वाली अमेरिकी मिसाइल और अधिक क्षमता वाले आर्टिलरी बम निर्माण भारत में करने का इरादा है. ऐसी उम्मीद है कि यह समझौता भी हो जाए.