प्रशांत महासागर में स्थित 14 देशों को पेयजल से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र में कई तरह के मदद भारत करेगा। इन देशों के साथ पापुआ न्यू गिनी में रविवार को हुई फोरम ऑफ इंडिया-पैसिफिक आइलैंड कोआपरेशनल (फिपिक) की बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारत की सॉफ्ट डिप्लोमेसी को जारी रखते हुए कहा कि भारत की मंशा सिर्फ इन देशों की विकास यात्रा में साझेदार बनने की है।
पीएम मोदी ने इन्हें मदद करने के लिए 15 सूत्रीय कार्यक्रम का ऐलान किया। जलवायु परिवर्तन और प्रशांत क्षेत्र में बड़ी वैश्विक शक्तियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पद्र्धा के बीच फिजी, पापुआ न्यू गिनी जैसे देशों ने पीएम मोदी का भरपूर सम्मान किया और भारत की कूटनीति पहल की भी सराहना की है।एफआइपीआइसी की यह तीसरी बैठक थी जो मोदी के नेतृत्व में हुई। इन देशों को आकर्षित करने में चीन और अमेरिका की तरफ से भी कोशिश जारी है।
बैठक में पापुआ न्यू दिनी, फिजी, कूक आइलैंड, क्रिबाती, मार्शल आइलैंड, माक्रोनेशिया, नौरू, नियू, सामाओ, सोलोमैन आइलैंड्स, पलाऊ, टोंगा, टुवालू और वनाउतू के राष्ट्र प्रमुख शामिल हुए। सम्मेलन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ”हम आपकी प्राथमिकताओं का आदर करते हैं। हमें आपका विकास साझेदार बनने पर गर्व है चाहे वह मानवीय आधार पर मदद के क्षेत्र में हो या विकास के क्षेत्र में, आप भारत पर भरोसा कर सकते हैं।”
इस क्रम में उन्होंने कोविड महामारी व दूसरे वैश्विक गतिविधियों से हाल ही में खाद्यान्न, उर्वरक, ईंधन, फार्मा आदि कि आपूर्ति में आई बाधा का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि, ”जिन पर हमेशा भरोसा था वो लोग कठिन घड़ी में मदद को आगे नहीं आये। इस कठिन समय में जिसने मदद की वहीं सही मायने में मित्र रहा।” यहां पीएम मोदी ने किसी राष्ट्र का जिक्र नहीं किया लेकिन यह तथ्य है कि कोविड के दौरान जब कई पश्चिमी देश वैक्सीन देने से आनाकानी कर रहे थे तब भारत की तरफ से इन देशों को वैक्सीन, खाद्यान्न आदि की मदद की तरफ उनका इशारा था।