जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में G-20 की एक बड़ी बैठक शुरू होते ही पाकिस्तान ने अपने प्रोपेगेंडा प्लान के तहत एक नया दांव चल दिया है. G-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप (Tourism Working Group-TWG) की बैठक के विरोध में 100 से ज्यादा फर्जी हैशटैग को वायरल करने का प्लान पाकिस्तान (Pakistan) ने बनाया है. इन संदिग्ध हैशटैग की पहचान खुफिया एजेंसियों ने की है. यह पाया गया कि 100 से ज्यादा फेक प्रोफाइल बनाकर G-20 बैठक के खिलाफ प्रोपेगेंडा को ट्रेंड कराने की कोशिश की गई है. एजेंसियों ने करीब 500 संदिग्ध मोबाइल नंबरों की भी पहचान की है. जिनको पाकिस्तान ने खास इसी प्रोपेगेंडा प्लान के लिए लगाया है. इनसे भारत में या तो व्हाट्सएप मैसेज या फिर लोगों के पास गुमनाम कॉल आते हैं.
श्रीनगर के डाउनटाउन इलाकों में कुछ पोस्टर भी लगाए गए हैं, जिनमें G-20 देशों से शहर में अपनी बैठक का बहिष्कार करने का आग्रह किया गया है. ये पोस्टर वारसीन-ए-शुदा सहित कश्मीर की आजादी के प्रोपेगेंडा समर्थक संगठनों ने लगाए थे. सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शनों की भी जानकारी दी गई. जिनका मकसद सिर्फ भारत के हितों को नुकसान पहुंचाना और जी-20 बैठक के बारे में भ्रामक जानकारियां फैलाना है. पाकिस्तान की शह पर G-20 बैठक और भारत सरकार का विरोध करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने लोगों से डीपी ब्लैक रखने और डीपी पर कश्मीर की आजादी लिखने का आग्रह किया.
श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र (एसकेआईसीसी) में G20 की बैठक से पहले सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. यह हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो सके इसके लिए पुलिस, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और अन्य अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ-साथ एनएसजी और मरीन कमांडो भी तैनात किए गए हैं. मरीन कमांडो (मार्कोस) ने डल झील के पास स्थित बैठक स्थल वाले इलाके की सुरक्षा का जायजा लिया. इन कमांडो ने कई हाउसबोट की जांच की और शिकारे में डल झील के चक्कर लगाए. कश्मीर में G20 पर्यटन कार्य समूह की तीसरी बैठक 22 से 24 मई तक चलेगी.