भारत-पाकिस्तान की सरहद (India-Pakistan border) पर स्थित श्रीगंगानगर जिले में एक बार फिर से पांच बम मिले हैं. इस बार ये बम (Bomb) इंदिरा गांधी नहर में मिले हैं. ये बम जिंदा हैं या चले हुए हैं इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. बम मिलने से वहां हड़कंप मच गया. पुलिस ने मौका मुआयना करके उनको सुनसान इलाके में सुरक्षित रखवा दिया है. पूरे मामले की जानकारी सेना के अधिकारियों को दे दी गई है. सेना के अधिकारी उनका निरीक्षण करेंगे. उसके बाद उनका निस्तारण किया जाएगा. श्रीगंगानगर में पहले भी खेतों में बम मिल चुके हैं.
जानकारी के अनुसार ये बम श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ इलाके में इंदिरा गांधी नहर में मिले हैं. फिलहाल नहरबंदी चल रही है. इस दौरान नहर की साफ सफाई का काम किया जाता है. शनिवार को इंदिरा गांधी नहर की आरडी 236 के समीप JCB से सफाई का काम चल रहा था. उसी दौरान पांच बम मिले. बम देखकर वहां काम कर रहे मजदूर सकते में आ गए. उन्होंने तत्काल इस बारे में पुलिस को सूचना दी.
नहरबंदी के दौरान हर साल बम मिलने के मामले सामने आते हैं
सूचना पर सूरतगढ़ सिटी पुलिस मौके पर पहुंची और मौका मुआयना किया. बाद में पुलिस ने बमों को वहां से उठवाकर सुरक्षित रखवाया. सेना के अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है. इस इलाके में नहरबंदी के दौरान हर साल बम मिलने के मामले सामने आते रहते हैं. कई बार जिंदा बम भी मिले हैं. उनका बाद में सेना के अधिकारियों की देखरेख में निस्तारण करवाया जाता है. कई बार चले हुए बम के खोल भी बरामद होते हैं.
पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के जरिए ड्रग्स भेजी जाती है
उल्लेखनीय है कि श्रीगंगानगर जिला बॉर्डर इलाका होने के कारण यहां कई बार पाकिस्तान की तरफ कई आपत्तिजनक वस्तुएं भी आती हैं. इनमें उपकरण लगे हुए संदिग्ध गुब्बारे और पक्षी शामिल हैं. वहीं बॉर्डर पार पाकिस्तान से ड्रोन भी यहां आते रहते हैं. वर्तमान में इन ड्रोन की मदद से भारतीय सीमा में ड्र्रग्स भेजी जाती है. बीएसएफ ऐसे कई मामले पकड़ चुकी है. कई बार ड्रोन को मार भी गिराया गया है.
यहां सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश भी होती रहती है
वहीं इस क्षेत्र में पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठिये भारत की सीमा में घुसने का प्रयास भी करते हैं. इन सबको देखते हुए इस इलाके में बीएसएफ पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रहती है. वह सीमावर्ती गांवों के लोगों से पूरा सामजंस्य बनाए रखती है. बहुत सी बार बीएसएफ को स्थानीय लोग ड्रोन और अन्य संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी देते हैं.