प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हाई पॉवर वाली चयन समिति ने शनिवार को एक बैठक में सीबीआई के निदेशक के पद के लिए तीन नामों को शॉर्टलिस्ट किया है. लेकिन पैनल में विपक्षी सदस्य-लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने इस प्रक्रिया पर अपनी आपत्ति जताई है. चौधरी ने इसमें हुई तथाकथित खामियों को दूर करने की मांग की है. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक खबर के मुताबिक कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजे गए शॉर्टलिस्ट किए गए नामों में कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद, मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना और फायर सर्विस, सिविल डिफेंस और होम गार्ड के महानिदेशक ताज हसन के नाम शामिल हैं.
बताया जाता है कि अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को पीएम की अध्यक्षता वाली एक अलग पैनल मीटिंग में सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर (Central Vigilance Commissioner-CVC) के चयन पर भी अपना असंतोष दर्ज कराया. सीबीआई प्रमुख का चयन करने वाले पैनल के तीसरे सदस्य सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (DY chandrachud) हैं. जबकि सीवीसी के लिए चयन समिति के तीसरे सदस्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) हैं. सूत्रों के मुताबिक कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने पहले सीबीआई प्रमुख के पद के लिए लगभग 115 नामों की एक सूची भेजी थी. जिसमें कुछ अधिकारी शामिल थे, जो पैनल में नहीं थे. चौधरी ने इसकी ओर इशारा किया और यह भी कहा कि उन्हें सूची में शामिल अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड, निजी विवरण और दूसरे दस्तावेज हासिल नहीं हुए थे.
सीजेआई चंद्रचूड़ का सुझाव
सूत्रों के मुताबिक सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुझाव दिया कि अधिकारियों के अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर सूची को शॉर्टलिस्ट किया जाना चाहिए. जबकि सुना जा रहा है कि अधीर रंजन चौधरी ने यह कहा कि सूची की तैयारी में विसंगतियां थीं और इनको दूर किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को महिला अधिकारियों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के नाम पर भी विचार करना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक इसके बाद ताज हसन का नाम तब लिस्ट में शामिल किया गया था. इसके बाद तीन अधिकारियों की शॉर्टलिस्ट को कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजा गया था.