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थमने लगी कोरोना की रफ्तार, भारत ने 24 घंटे में दर्ज किए 2109 नए मामले, एक्टिव केस 22000 से कम

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को भारत ने COVID-19 संक्रमण के 2,109 नए मामले दर्ज किए, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 22,742 से घटकर 21,406 हो गई है. अब देश की कोविड-19 टैली 4.49 करोड़ (4,49,74,909) पहुंच गई है. कुल 8 मौतों के साथ मरने वालों की संख्या 5,31,722 हो गई, जिसमें केरल द्वारा शामिल किए गए बैकलॉग मौतें भी शामिल हैं. अब सक्रिय मामले कुल संक्रमण का 0.05 प्रतिशत है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 से ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.77 प्रतिशत है.

इस बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 4,44,21,781 हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत है. मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोविड-19 टीकों की 220.66 करोड़ खुराक दी जा चुकी है. इससे एक दिन पहले 1331 नए केस सामने आए थे, वहीं 11 लोगों की संक्रमण की चपेट में आने से मौत हुई थी. इस दौरान 3752 लोग संक्रमण मुक्त हुए थे. मंगलवार को सक्रिय मामलों की संख्या बुधवार के मुकाबले 25,178 से घटकर 22,742 रह गई थी. बीते 24 घंटे के अंदर 1,59,454 सैंपल्स की कोविड जांच हुई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 92.80 करोड़ सैंपल्स की कोविड जांच हो चुकी है.

कोरोनावायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं
यदि आपको बुखार, सूखी खांसी, थकान, स्वाद और सुगंध न आना, नाक बंद होना, आंखें लाल हो जाना,
गले में दर्द, सिर दर्द, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण हैं, तो आपको कोरोना जांच करानी चाहिए. गौरतलब है कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहली बार 30 जनवरी 2020 को कोरोनवायरस को पैनडेमिक और ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया था, तब तक इसे कोविड-19 नाम नहीं दिया गया था और चीन के बाहर कोई बड़ा प्रकोप नहीं दिख रहा था. अब 3 साल बाद, विश्व स्तर पर इस वायरस से संक्रमण के अनुमानित 764 मिलियन मामले दर्ज किए गए हैं और लगभग 5 बिलियन लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक दी गई है.

कोरोनावायरस अब ग्लोबल इमरजेंसी नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 महामारी को अब ग्लोबरल इमरजेंसी की लिस्ट से हटा दिया है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि कोरोनावायरस और इसका प्रसार अब वैश्विक आपातकाल के योग्य नहीं है. डब्ल्यूएचओ के इस निर्णय के बाद कोरोनावायरस अब वैश्विक महामारी नहीं कहलाएगा. इस संक्रमण ने दुनियाभर के देशों में महीनों तक लॉकडाउन करने के लिए मजबूर कर दिया था, जिसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पड़ा. हालांकि, वैश्विक महामारी की कैटेगरी से डाउनग्रेड करने के बाद WHO ने इस बात के लिए सचेत भी किया है कि भले ही अब इमरजेंसी खत्म हो गई हो, लेकिन खतरा अब भी बना हुआ है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अब भी हर हफ्ते हजारों लोग इस वायरस के संक्रमण से मर रहे हैं.

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