केंद्र सरकार ने अकाउंटेंट्स पर नजर रखने के लिए नियमों को सख्त बनाने की पहल की है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के एक हालिया नोटिफिकेशन में एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून का दायरा बढ़ा दिया गया है. चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA), कंपनी सचिव (CS) और कॉस्ट अकाउंटेंट (Cost Accountants) को अब अपने क्लाइंट्स की तरफ से कुछ खास तरह के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन करने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जवाबदेह ठहराया जा सकता है.
वित्त मंत्रालय के नोटिफिकेशन में सीए, सीएस और कॉस्ट अकाउंटेंट को 5 तरह के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए पीएमएलए के दायरे में रखने की जानकारी दी. इसके मुताबिक अपने क्लाइंट्स की तरफ से बैंक अकाउंट्स का मैनेजमेंट और उनकी प्रॉपर्टीज की खरीद-बिक्री पर पीएमएलए कानून के दायरे में उनकी भूमिका को परखा जाएगा.
हाल ही में वित्त मंत्रालय ने जारी किया है नोटिफिकेशन
गत 3 मई को जारी इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, अचल संपत्ति की खरीद और बिक्री के अलावा ग्राहकों के पैसे, सिक्योरिटीज या अन्य संपत्तियों के मैनेजमेंट, बैंक, सेविंग्स या सिक्योरिटीज अकाउंट के मैनेजमेंट, कंपनियों के निर्माण, परिचालन या प्रबंधन के लिए अंशदान की देखरेख और कंपनियों, एलएलपी या ट्रस्ट के गठन, परिचालन या मैनेजमेंट के साथ कारोबारी इकाइयों की खरीद और बिक्री से संबंधित फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पीएमएलए के दायरे में रखे गए हैं.