भोपाल (म.प्र.), नीमच जिले की मनासा तहसील के गाँव चुकनी के किसान रतनलाल पाटीदार खेती-किसानी के साथ परम्परागत खेती करके जैसे-तैसे अपने घर-परिवार का गुजर-बसर कर पाते थे। क्षेत्र के प्रगतिशील पशुपालक किशन पाटीदार ने उन्हें खेती के साथ पशुपालन की तरफ ध्यान देने की सलाह दी। रतनलाल को बात जंची। उसने बैंक ऋण लेकर सबसे पहले 2 शंकर नस्ल की गाय खरीदी। शुरूआत में उसे 300 रुपये प्रतिदिन की अतिरिक्त आय होने लगी। किसान रतनलाल ने क्षेत्र के पशु चिकित्सक राजेश पाटीदार से मार्गदर्शन लिया और पशुपालन व्यवसाय को और आगे बढ़ाया। कुछ ही वर्षों में रतनलाल के पास उन्नत नस्ल की 10 गाय हो गईं, इससे उसे 900 रुपये प्रतिदिन की आय होने लगी, रतनलाल ने दूध और गोबर की खाद से हुई आमदनी से एक मारुति कार खरीद ली है, मारुति कार पर लिखवाया ‘गौ-माता की देन”, यहीं नहीं रुका रतनलाल, उसने कुछ और उन्नत नस्ल की गायें खरीदी हैं। आज रतनलाल दिन भर में 70 लीटर दूध साँची दुग्ध संघ को नियमित रूप से बेच रहा है। अब उसे 1500 रुपये प्रतिदिन की आमदनी हो रही है। दूध के अलावा अब वो साल भर में करीब डेढ़ लाख रुपये की गोबर खाद भी बेच लेता है, अब रतनलाल प्रगतिशील किसान बन गया है। रतनलाल और उसका परिवार पशुपालन व्यवसाय को अपनाकर बेहद खुश है, उसकी आर्थिक तरक्की से क्षेत्र के आसपास के किसान भी प्रभावित हैं।