गैम्बलिंग यानी जुआ एक बुरी लत है लेकिन मोबाइल और इंटरनेट के इस जमाने में ऑनलाइन गैम्बलिंग (Online Gambling) की बुरी आदत का क्रेज बढ़ता जा रहा है. क्रिकेट के ड्रीम इलेवन समेत कई ऐसे मोबाइल ऐप हैं जहां यूजर्स को ऑनलाइन गैम्बलिंग खेलने का मौका मिलता है और इस शौक के मामले में दुनिया में ब्रिटेन और अमेरिका सबसे आगे है, जहां ऑनलाइन गैम्बलिंग का कारोबार 12.5 और 11 अरब डॉलर का है. हालांकि, राहत की बात है कि इस बुरी लत के मामले में भारत काफी नीचे है.
एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 में ग्लोबल ऑनलाइन गैम्बलिंग मार्केट की साइज करीब 57.54 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी और 2022 से 2030 तक 11.7%% सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है. ऑनलाइन गेम खेलने के लिए उपयोगकर्ताओं के बीच मोबाइल फोन का बढ़ता उपयोग सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ उनके घरों में, इंटरनेट की बढ़ती पहुंच से यह बाजार फल-फूल रहा है.
ऑनलाइन जुए में ब्रिटेन और अमेरिका अव्वल
दुनिया में यूनाइटेड किंगडम ऑनलाइन गैम्बलिंग का सबसे बड़ा रेग्युलेटेड मार्केट है यानी यहां कानूनी रूप से इस जुए को मान्यता दी गई है. ब्रिटेन में ऑनलाइन गैम्बलिंग मार्केट से आने वाला रेवेन्यू करीब 12. बिलियन अमेरिकी डॉलर है. इसके बाद दूसरे पायदान पर अमेरिका है जहां इस मार्केट की साइज 11 बिलियन डॉलर है. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया- 6.5, इटली 4.5, फ्रांस- 3.8, जर्मनी- 3.6, कनाडा- 2.6 और स्वीडन- 2.1 बिलियन डॉलर का ऑनलाइन गैम्बलिंग बाजार है.
दुनियाभर में बढ़ी समस्या
ऑनलाइन गैम्बलिंग की लत लोगों में तेजी से बढ़ रही है. कम समय में घर बैठे मोबाइल पर करोड़पति बनने के चक्कर में करोड़ों लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई इस बुरी आदत के चलते गवां दी है. एक अनुमान के मुताबिक अकेले ब्रिटेन में ऑनलाइन जुए की इस लत के चलते लोगों ने डेढ़ लाख करोड़
रुपये गंवाये हैं और 400 से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी कर ली. कई मनोचिकित्सक इसे कोरोना से भी बड़ी बीमारी मानने लगे हैं.