एक जनवरी 2023 यानि नए साल के पहले दिन से देशभर के व्यापारियों ने आंदोलन का फैसला किया है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के बैनर तले व्यापारी ई-कॉमर्स और जीएसटी को लेकर आंदोलन करेंगे. इस बारे में कैट की ओर से बताया गया कि तीन वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार ई-कॉमर्स नीति और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई कॉमर्स के नियम नहीं ला पाई है जबकि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनिया बिना रुके लगातार नीति का उल्लंघन ठीक सरकार की नाक के नीचे कर रही है. इनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
कैट का कहना है कि न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारें इस मामले में ज्यादा दोषी हैं क्योंकि व्यापार राज्य का विषय है और विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के हाथों जीएसटी राजस्व का भारी नुकसान होने के बाद भी राज्य सरकारें मूक दर्शक बनी हुई हैं और इन्ही के साथ विभिन्न प्रकार के एमओयू कर न जाने क्या काम कर रही हैं. आज जिस गति से चीजें चल रही हैं, उससे देश के करोड़ों व्यापारियों में बहुत निराशा और हताशा है जिसके कारण देश भर के व्यापारियों का दर्द बताने के लिए कैट ने ई-कॉमर्स को सुव्यवस्थित करने और देश में जीएसटी कर संरचना के सरलीकरण और युक्तिकरण पर 1 जनवरी, 2023 से 31 मार्च 2023 तक देश भर में एक बड़ा राष्ट्रीय आंदोलन छेड़ने की आज घोषणा की है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश का व्यापारिक समुदाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रबल समर्थक और प्रशंसक है क्योंकि वे हमेशा स्थानीय व्यापार के सशक्तिकरण, व्यापार करने में आसानी, करों के सरलीकरण आदि की एक लंबे समय से पुरजोर वकालत करते आ रहे हैं लेकिन यह बहुत अफसोस है कि अधिकारी वर्ग प्रधानमंत्री के जनादेश की ओर नहीं बढ़ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप आज तक देश में ई-कॉमर्स व्यापार है लेकिन कोई नीति या नियम नहीं है. जानकारी मिली है कि उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत ई-कॉमर्स के नियम, दोनों के मसौदे लंबे समय से तैयार हैं, लेकिन अफसरशाही के चलते उन फाइलों पर धूल चाट रही है. कैट इस गंभीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा अध्यक्ष जेपी नद्दा को ज्ञापन भी देगा और मिलने का समय भी मांगेगा.
कैट का कहना है कि 1 जनवरी से 7 जनवरी तक, पूरे देश भर में व्यापारी संगठन राष्ट्रीय ई-मेल अभियान शुरू करेंगे जिसके अंतर्गत विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा भारत के ई कॉमर्स व्यापार को विषैला बनाने के कारण देश के व्यापारिक समुदाय के संकटों और कष्टों को समझने की मांग को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों तथा सभी राजनीतिक दलों को ईमेल बड़ी तादाद में भेजी जाएंगी.
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि देश भर के व्यापारी 10 जनवरी को ई कॉमर्स विषमता मुक्त व्यापार दिवस के रूप में मनाएंगे और देश भर के व्यापारी संगठन इस दिन बड़े स्तर पर धरने आयोजित कर केंद्र और राज्य सरकारों से व्यापारी चार्टर को स्वीकार करने और लागू करने की मांग करेंगे. इसी श्रृंखला में देश भर के व्यापारी 20 जनवरी, 2023 को पूरे देश में 1000 से अधिक स्थानों पर एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे. फरवरी माह में बहुत बड़े पैमाने पर देश के सभी राज्यों के व्यापारी संगठन अपने-अपने शहरों में रैलियां निकालकर राज्य के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों व केंद्र सरकार के मंत्रियों को ज्ञापन सौंपेंगे. मार्च माह में सभी राज्यों में राज्य स्तरीय व्यापारी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे और अप्रैल, 2023 के प्रथम सप्ताह में एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा.