रायपुर(छ.ग.) मन में हमेशा से एक सपना था कि नन्हें मुन्नें बच्चों के लिए कुछ करूँ, ताकि इनकी प्रतिभा को पंख मिलें और उंची उडान भर सकें। हमेशा से ही उपेक्षित वर्ग रहा है बचपन, जहां सपने और उर्जा दोनों ही बहुत होते हैं और उन सपनो को साकार करने के लिए हम पूरी उर्जा तो लगाते हैं, पर कुछ इसमें कामयाब होते है और कुछ अपनी दिशा बदल देते है और उम्र के एक पडाव के बाद उन्हे ये फिर से स्मरण होता है कि उन्होंनें अपने समय मे यह सोचा था वह करना था। फिर उनमें से कुछ फिर से शुरु भी करते है, परंतु तब तक उनकी प्राथमिकतायें अलग हो जाती हैं और सपना दफन हो जाता है। यदि बच्चों को उनके समय रहते ही कुुछ अवसर और प्रोत्साहन मिले तो वो शौक या सपना नही रहता वो उनके लिए दिल से की गयी कोशिश कहलाती है और सपना सुखद याद में बदल जाता है।
मैंने ऐसे ही कुछ अवसरों की तलाश की और महज़ इत्तेफाक कहें, वो हमारे हाथ लगे, जिसमें बच्चों ने अपनी प्रतिभा दिखाते हुए कुछ नए सोपान गढ़े, बहुत कम समय में ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते ये बच्चें बहुत उत्साहित है और हर अवसर पर कुछ नया जोश और उत्साह से लबरेज नज़र आते है। इनका पहला अवसर था रायपुर की संस्था “दी लोकल क्मयुनिटी बाज़ार” जिसमें हमने कुछ और टीचरों से पूछकर उनके कुछ चुनिंदा शिष्यों को शामिल किया और इसकी रुपरेखा रखते हुए में प्रस्तुति दी। इसके उपरांत हमें छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2017 में रायपुर में प्रस्तुति का अवसर मिला, जो एक मील का पत्थर साबित हो रहा है, इस पूरी प्रक्रिया में कुछ कटु अनुभव भी हुए जिसका जिक्र करके, मै अपनी खुशी कम नही करुंगी और कुछ नये लोगों से मिलना हुआ हम पूरे बच्चें और उनके पालक अब एक परिवार की तरह काम करते है। भविष्य में अन्य विधाओं जैसे गायन, वादन, नृत्य, नाटक, इत्यादि हर क्षेत्र में बच्चों को आगे लाने के लिए नित नए प्रयोंग करते रहने की इच्छा मन में हैं। ईश्वर शक्ति दे और राह दे ताकि इस दिशा में कुछ प्रयास कर सकूँ । इस बैंड में अपनी प्रस्तुति देने वाले बच्चे अलग-अलग स्कूलों के है, यहां सब एक साथ मिलकर अपने प्रोग्राम की तैयारी करते हुए इन्हें पता ही नही चला कब ये गहरे दोस्त बन गए सभी ने खुब मेहनत की उनके पालको ने भी मेरा बहुत उत्साह बढाया और हर संभव सहयोग देकर मेरा उत्साह बढ़ाया । उन सबको मै दिल से धन्यवाद् देती हॅू। मेरे इस बैंड मे शामिल सभी बच्चे शास्त्रीय संगीत और पाश्चात्य संगीत से जुडे हुए है गायन वाली विद्यार्थी गायन की विधिवत शिक्षा इंदिरा कला संगीत विश्व विद्यालय खैरागढ़ से डिप्लोमा परीक्षा भी दे रही हैं। वादन पक्ष के विद्यार्थी भी ट्रिंनटी से डिप्लोमा की परीक्षा दे रहे है। वे बच्चे जो इस बैंड में शामिल हैं और लगन से खुद को तैयार करने में लगे हैं, उनमे गायन में लिशा आहूजा, कक्षा 12 वीं की छात्रा है और गायन में अपना विद की डिप्लोमा पूरा कर चूकी हैं, कई अंतरशालेय प्रतिस्पर्धा में अपनी पहचान बनाते हुए कई पुरस्कार जीत चूकी है। आन्या श्रीश्रीमाल, कक्षा 7 वीं की छात्रा है और गायन की मध्यमा अंतिम की परीक्षा दे रही है। ऋषिका नत्थानी, ये कक्षा छटवीं की छात्रा है अपने स्कूल में कई प्रतियोगितों में पहला स्थान पा चुकी हैं, संगीत में मध्यमा प्रथम की छात्रा है। निशिता जादवानी, कक्षा 11 वीं की छात्रा है और संगीत में मध्यमा अंतिम की परीक्षा देेगीं। भूमि धाडीवाल,कक्षा 7 वीं की छात्रा है और संगीत में मध्यमा प्रथम कर रही हैं। जान्हवी माणिक, जार्ज सेट पर हमारे प्रदेश की नन्ही कलाकार जो पूरी उर्जा से अपने वाद्य पर अपनी पकड को दिखाती हैं, कक्षा 7 वीं की छात्रा है और ट्रिनीट की परीक्षा दे रही है । आद्या अग्रवाल,सिंथेसाइजर पर जो कक्षा 6 वीं में हैं, और ये भी ट्रिनीट की डिप्लोमा की परीक्षा दे रही है। गिटार पर शाश्वत और प्रणव ये दोनों नन्हे बालक कक्षा 7 वी के छात्र हैं और नन्हीं उंगलियों से गिटार पर अपने प्रतिभा का परिचय खुद ही देते है, दोनों की ट्रिनिटी की डिप्लोमा की परीक्षा दे रहे है।
संयोजन – मंजूषा बेड़ेकर (9826996881)
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