एक और विदेशी एजेंसी S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटा दिया है. इस रेटिंग एजेंसी ने फाइनेंशियल ईयर 2023 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 30 बेसिस प्वाइंट घटाकर 7 फीसदी कर दिया है. जबकि वित्त वर्ष 2024 के लिए जीडीपी दर को 6 फीसदी रखा है. इसके साथ रेटिंग एजेंसी ने कहा कि डॉमेस्टिक डिमांड में तेजी के कारण ग्लोबल इकोनॉमी में आ रहे स्लोडाउन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर काफी कम असर देखने को मिलेगा.
एसएंडपी की ओर से सितंबर में जारी किए अनुमानों में कहा गया था कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.3 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकती है. वहीं, अगले वित्त वर्ष 2023-24 में ये दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है. सांख्यिकी मंत्रालय जुलाई-सितंबर के लिए 30 नवंबर को शाम 5:30 बजे जीडीपी डेटा जारी करने वाला है.
मजबूत डिमांड से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था की रफ्तार
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स एशिया-पैसिफिक के प्रमुख अर्थशास्त्री लुइस कुइज ने कहा, “इंडियन इकोनॉमी में बेहतर मांग होने के कारण ग्लोबल लेवल पर आ रहे धीमेपन का असर कम होगा. मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7 प्रतिशत रह सकती है, जो पिछले साल 6 फीसदी रहने की संभावना है.
बता दें कि इससे पहले रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि भारत में ब्याज दर बढ़ने के बाद बावजूद बैंक क्रेडिट में अच्छी ग्रोथ देखने को मिल रही है. इससे लगता है कि भारत में चालू वित्त वर्ष में क्रेडिट ग्रोथ 13 प्रतिशत के आसपास रह सकती है, जो 2021-22 में 11.50 फीसदी थी. इस रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.
वहीं, एक और अन्य ग्लोबल एजेंसी गोल्डमैन सैक्स ने भी हाल ही में अगले वित्तवर्ष के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान घटाकर 5.9 फीसदी कर दिया था. गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कैलेंडर वर्ष 2023 में इस वर्ष अनुमानित 6.9% से घटकर 5.9% रह सकती है.