जिम्बाब्वे क्रिकेट के अध्यक्ष तवेंगवा मुकुहलानी अगले सप्ताह मेलबर्न में होने वाले आईसीसी चेयरमैन पद के चुनावों में ग्रेग बार्कले को चुनौती दे सकते हैं. मुकुहलानी लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के बोर्ड में शामिल हैं. उन्हें विश्वविद्यालय के दिनों से ही ‘डॉक’ नाम से पुकारा जाता है. रिपोर्टों के अनुसार वह इन विकल्पों पर विचार कर रहे हैं कि उन्हें आईसीसी के पूर्णकालिक सदस्य देशों और एसोसिएट देशों से पर्याप्त समर्थन मिलता है या नहीं.
आईसीसी के बोर्ड में कुल 16 सदस्य मतदाता हैं. इनमें 12 सदस्य पूर्णकालिक देशों के हैं, जबकि एक स्वतंत्र निदेशक (इंद्रा नूयी) और तीन एसोसिएट देशों के सदस्य शामिल हैं. नए नियमों के अनुसार आईसीसी के नए चेयरमैन का फैसला करने के लिए पिछली बार की तरह दो तिहाई नहीं, बल्कि साधारण बहुमत की जरूरत होगी.
ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, ‘मुकुहलानी का मानना है कि उनके पास शीर्ष पद संभालने के लिए पर्याप्त अनुभव है तथा वह छोटे सदस्य देशों और एसोसिएट देशों की आवाज बनना चाहते हैं.’ रिपोर्ट के अनुसार, ‘वह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को छोड़कर अन्य एशियाई देशों के समर्थन हासिल करने के बारे में विचार कर रहे हैं. अभी माना जा रहा है कि बीसीसीआई का वोट बार्कले को मिलेगा, लेकिन चुनाव की तिथि तक विकल्प खुले हैं.’
मुकुहलानी आईसीसी की ऑडिट समिति के सदस्य और सदस्य समिति के प्रमुख भी हैं. जिंबाब्वे क्रिकेट के प्रमुख इसके अलावा वैश्विक संस्था के ओलंपिक कार्यकारी समूह का हिस्सा भी हैं जो कि लॉस एंजेलिस में 2028 में होने वाले ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने की कवायद में लगा है. आईसीसी के चुनाव 12 और 13 नवंबर को मेलबर्न में होने वाली आईसीसी की बैठक के दौरान संपन्न होंगे.