रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि सुआ नृत्य छत्तीसगढ़ की हजारों वर्ष पुरानी लोक संस्कृति का प्रतीक है। यह हमारे लोक जीवन की गौरवशाली सांस्कृतिक पहचान है। डॉ. सिंह ने आज शाम जिला मुख्यालय दुर्ग में आयोजित महिलाओं के सुआ नृत्य समारोह में इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा – आज इस आयोजन में लगभग 15 हजार महिलाओं ने एक साथ सुआ नृत्य का प्रदर्शन कर एक नया विश्व रिकार्ड बनाया है। उन्होंने कार्यक्रम की संयोजिका और पूर्व लोकसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय और कार्यक्रम में नृत्य प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। गोदना सांस्कृतिक मंच के सहयोग से यह भव्य आयोजन दुर्ग के पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में किया गया, जहां गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के एशिया क्षेत्र के प्रमुख डॉ. मनीष विश्नोई ने इसे विश्व कीर्तिमान के रूप में दर्ज करने की घोषणा की और कार्यक्रम की संयोजक सुश्री सरोज पाण्डेय को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड का प्रमाण पत्र सौंपा। सुश्री पाण्डेय ने यह प्रमाण पत्र मुख्यमंत्री को भेंट किया। डॉ. रमन सिंह ने कहा – सुआ नृत्य के इस विशाल आयोजन से दुर्ग जिले को और छत्तीसगढ़ को देश – विदेश में एक नई पहचान मिली है। डॉ. सिंह ने कहा इस नृत्य में शामिल लगभग 15 हजार बहनों का आशीर्वाद हमें मिला है और भाईयों को बहनों का दिया गया, आशीर्वाद कभी व्यर्थ नहीं जाता। बहनों के इस आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ और पूरे देश में खुशहाली आयेगी। उन्होंने कहा – नया छत्तीसगढ़ राज्य दो दिन बाद एक नवम्बर को अपनी स्थापना के 17 साल पूर्ण करने जा रहा है। सुआ नृत्य समारोह में बहनों से प्राप्त आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ विकास की नई ऊंचाईयों तक पहुंचेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहला अवसर है जब छत्तीसगढ़ के पारम्परिक सुआ लोक नृत्य को हमारी 15 हजार बहनों और बेटियों ने मिलकर विश्व कीर्तिमान तक पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ने समारोह में सुश्री सरोज पाण्डेय और अन्य महिलाओं को सुआ नृत्य की परम्परा के अनुसार सुआ की टोकरी में तीन सुपा चावल और शगुन की राशि भेंट कर आशीर्वाद प्रदान किया। महिलाओं ने उन्हें कलेवा के लिए छत्तीसगढ़ के पारम्परिक व्यंजन -ठेठरी, खुरमी और लाडू भी भेंट किए। कार्यक्रम संयोजिका सुश्री सरोज पाण्डेय ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि अनेकता में एकता की संस्कृति पर आधारित आधारित हमारे देश के हर राज्य में अलग-अलग लोक नृत्य होते हैं। पंजाब का भांगड़ा नृत्य, असम का बिहू और गुजरात का गरबा नृत्य इन राज्यों को एक विशेष सांस्कृतिक पहचान देते हैं। उसी तरह सुआ नृत्य भी छत्तीसगढ़ की पहचान है। सुश्री सरोज पाण्डेय ने सुआ नृत्य समारोह के सफल आयोजन के लिए समस्त सहयोगियों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री विष्णुदेव साय, लोक निर्माण मंत्री और जिले के प्रभारी राजेश मूणत, महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर, वन मंत्री महेश गागड़ा, सहकारिता, पर्यटन और संस्कृति मंत्री दयालदास बघेल, खाद्य और ग्रामोद्योग मंत्री पुन्नूलाल मोहले, राज्य सभा सांसद श्री रामविचार नेताम, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, पद्मश्री सम्मानित पण्डवानी गायिका श्रीमती तीजनबाई, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय, जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन, अहिवारा के विधायक श्री सांवलाराम डाहरे, वैशाली नगर के विधायक श्री विद्यारतन भसीन, बेमेतरा के विधायक अवधेश चंदेल, दुर्ग की महापौर चन्द्रिका चन्द्राकर और पूर्व मंत्री हेमचंद यादव सहित अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।