आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में हर पुष्य नक्षत्र तिथि में 0-16 वर्ष के बच्चों को कराया जाता है स्वर्ण प्राशन
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय रायपुर द्वारा आज 1290 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य बाल रोग विभाग में 670 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया। वहीं शहर के तीन स्कूलों शासकीय प्राथमिक शाला कोटा, मठपुरैना और चंगोराभाठा में शिविर आयोजित कर कुल 620 बच्चों को इसका सेवन कराया गया।
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय रायपुर में हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया जाता है। चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के डॉक्टरों और अन्य स्टॉफ के साथ आयुर्वेद महाविद्यालय में बाल रोग विभाग में अध्ययनरत पीजी (एमडी) छात्र-छात्राएं भी इसमें सक्रिय भागीदारी करते हैं। इस वर्ष तीन अन्य पुष्य नक्षत्र तिथियों 9 जनवरी को 831, 4 फरवरी को 1124 और 3 मार्च को 1137 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया था।
स्वर्ण प्राशन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, श्वसन संबंधी एवं अन्य रोगों से रक्षा करने के साथ ही एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाने में अत्यंत लाभकारी है। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में भी मदद करता है। यह हर महीने की पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को पिलाई जाने वाली औषधि है।