रायपुर, राजधानी रायपुर के देवेन्द्र नगर निवासी सेवानिवृत्त पशु चिकित्सा सहायक सर्जन स्वर्गीय श्री गजानंद राव देवरणकर के निधन के बाद उनकी इच्छा के अनुरूप उनके परिवार ने मृत्यु भोज का आयोजन नहीं किया और उसमें खर्च होने वाली 20 हजार रूपए की धनराशि कचहरी चौक स्थित बाल आश्रम में जाकर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रत्नप्रभा देवरणकर ने अनाथ बच्चों के लिए दान कर दी। ज्ञातव्य है कि श्री देवरणकर का इस महीने की 16 तारीख को निधन हो गया था। उनकी इच्छा के अनुरूप मरणोपरांत उनका शरीर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर के चिकित्सा छात्रों के उपयोग के लिए दान कर दिया गया था। स्वर्गीय श्री देवरणकर ने अपने परिवार से यह कह रखा था कि निधन के बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए किसी प्रकार का मृत्यु भोज का कार्यक्रम न किया जाए, बल्कि मृत्यु भोज की राशि से जरूरतमंद लोगों की मदद की जाए। उनकी इसी भावना का सम्मान करते हुए उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रत्नप्रभा देवरणकर, पुत्र श्री श्रीकांत और श्री प्रशांत देवरणकर और पुत्रवधु श्रीमती भारती देवरणकर सहित परिवार के अनेक सदस्यों और स्थानीय नागरिकों ने बाल आश्रम पहुंचकर यह राशि वहां के प्रबंधन का सौंप दी।